यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के काफिले (CM convoy case) के सामने बुधवार शाम लेटकर हंगामा काटने एवं काले झंडे दिखाने वाले 14 आंदोलनकारियों को पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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- बता दें कि काफिले को रोकने के बाद पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे।
- पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज कर स्थिति को संभाला था।
- इसके बाद पुलिस ने 14 आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 149, 132, 153, 382 आईपीसी और 7 सीएलए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।
- वहीं ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में एसएसपी दीपक कुमार ने उपनिरीक्षक वीरेंदर यादव थाना चिनहट, कास्टेबिल अलाउददीन, जीवन सहाय, आत्मेन्दर सिंह, विजेंदर कुमार, देवेंदर सिंह को निलंबित किया था।
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क्या है पूरा मामला
- दरअसल लविवि में हिंदी स्वराज दिवस कार्यक्रम में सीएम योगी बतौर मुख्यअतिथि बुलाये गए थे।
- कार्यक्रम में राज्यपाल रामनाईक भी मौजूद थे।
- सीएम जैसे ही बुधवार शाम 5:30 बजे लखनऊ विश्वविद्यालय गेट पर पहुंचे तो सीएम योगी की फ्लीट पर 10-12 समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता जिनमें युवक/युवतियां थीं।
- यह सभी काफिले के सामने कूद पड़े और काले झंडे दिखाने लगे।
- हालांकि यह सब पुलिस की लापरवाही के चलते हुआ।
- लेकिन जब सपा के कार्यकर्ता वहां झंडा लिए खड़े थे फिर भी पुलिस ने आंखे बंद कर रखी थीं।
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योगी मुर्दाबाद के लगाए नारे
- इस घटनाक्रम में हसनगंज इंस्पेक्टर और महानगर इंस्पेक्टर की लापरवाही देखने को मिली।
- उन्होंने छात्रों को नजरअंदाज किया।
- इसका नतीजा यह हुआ कि आंदोलनकारियों ने सीएम के काफिले पर हमला कर दिया।
- प्रदर्शनकारी सीएम की गाड़ी के आगे भी लेट गए।
- प्रदर्शनकारी ‘योगी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी…, योगी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
- हालांकि ब्लैक कमांडो ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और उन्हें पीटकर हटाया।
- इस दौरान पुलिस ने 8 उपद्रवियों को हिरासत में लिए जिन्हें हसनगंज थाने ले जाया गया।
- यहां पुलिस सभी की खूब धुनाई की। (CM convoy case) इस घटना ने पुलिस की लापरवाही उजागर कर दी।
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