राजधानी के डा. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय (sidharth nath singh) में चर्म रोगियों की सुविधा के लिए टेली-डर्मिटोलाजी योजना की शुरूआत की गई. इस अवसर पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह मौजूद थे. उन्होंने टेली डर्मेटोलॉजी कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसकी शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि जब मुझे स्वास्थ्य विभाग मिला तो PM कार्यालय और केन्द्र के स्वास्थ मंत्री ने कहा था कि ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल समान होना चाहिए.
#लखनऊ : सिरसा से लाई गई 14 लाशों पर मंत्री @sidharthnsingh बोले, उक्त मेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में है. सच का पता लगाएंगे. pic.twitter.com/SfjFuGIR9r
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) September 9, 2017
- सिद्धार्थनाथ सिंह से सिरसा से लायी गई 14 लाशों के बारे में सवाल पूछा गया.
- उन्होंने कहा कि ये मामला संज्ञान में लिया गया है.
- इसकी पड़ताल की जाएगी.
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- उन्होंने कहा कि डेरा का दरवाजा खुला तो काफी चीजें सामने आई हैं.
- जो भी चीजें हैं, उसकी जाँच की जाएगी.
- GCRG में 14 शवों के मामले पर उन्होंने कहा कि इसका संज्ञान लिया गया है.
- जहाँ कानून का उल्लंघन होगा उसपर कार्यवाही की जाएगी.
सिरसा से आई 14 लाशें:
- एमसीआई ने 7 जनवरी 2017 को इंस्टिट्यूट का निरीक्षण किया था.
- एनॉटमी डिपार्टमेंट (ram rahim Dera) में रिसर्च के लिए सिर्फ एक डेडबॉडी मिली थी.
- जबकि नियमों के अनुसार पढ़ाई के लिए शवों की संख्या अधिक होनी चाहिए थी.
- कई और गड़बड़ियां मिलने पर इंस्टिट्यूट को मान्यता न देने की सिफारिश की गई थी.
- इंस्टिट्यूट प्रबंधन इसके खिलाफ हाई कोर्ट चला गया.
- हाई कोर्ट के आदेश पर एमसीआई ने इंस्टिट्यूट के दस्तावेज की फिर जांच की तो पता चला कि इंस्टिट्यूट को 14 शव सिरसा के डेरा सच्चा सौदा ने दिए हैं.