यूपी की जेलों में बंद माफिया अपना जाल जेल के अंदर से ही बिछाए हुए हैं। जो इतनी सख्ती के बाद भी जेलों से (178 illegal mobile numbers) मोबाईल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले ही एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने पिछली 8 जून को इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर मामले से अवगत भी कराया था। इस खबर को पिछली 14 जून को uttarpradesh.org ने ‘यूपी की जेलों में अब भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं मोबाइल!’ शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है।
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जेलों से संचालित हो रहा अपराध
- जेलों के अंदर से अपराध संचालित हो रहा है।
- यूपी की जेलों में बंद खूंखार माफिया इसका संचालन कर रहे हैं।
- जेलों से मोबाईल के जरिये हो रही गतिविधियों की खबर उजागर होने के बाद एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने सरकार को पत्र लिखा।
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- पत्र में कहा गया कि जेलों में इंटरनेट के जरिये गैर कानूनी गतिविधियां हो रही हैं।
- उन्होंने पत्र में कहा कि जेलों में दागी जेल अधीक्षकों के संगठित गठजोड़ के जरिये यह अपराध संचालित किया जा रहा है।
- इस संबंध में डीजीपी कार्यालय से भी कई बार शासन को पत्र भेजे जा चुके हैं।
- लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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300 मोबाईल सर्विलांस पर
- पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 300 मोबाईल नंबर सर्विलांस पर लिए हैं।
- इसकी गृह विभाग से अनुमति ली गई थी।
- इनमें से 178 मोबाईल यूपी की जेलों से ऑपरेट हो रहे हैं।
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बाहुबली बिना जैमर वाली जेल में शिफ्ट
- अगर बात करें बाहुबली मुख्तार अंसारी की तो वह अभी तक लखनऊ जेल में बंद थे यहां जैमर लगा हुआ है।
- अब उन्हें बांदा जेल भेजा गया है इस जेल में जैमर स्थापित होने में अभी तीन-चार महीने का और समय लग सकता है।
- इसी तरह अतीक अहमद को इलाहाबाद के नैनी जेल से देवरिया भेजा गया वहां अभी जैमर नहीं लगा है।
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- इस जेल का तो अगली सूची में नाम तक नहीं है।
- मुख्तार के दोनों शूटरों को भी बिना जैमर वाली जेल में रखा गया है।
- ऐसे में सवाल उठा रहा है कि जेल बदलकर इन अपराधियों को सजा दी गई है या फिर उन्हें फायदा पहुंचाया गया है।
- अधिकारियों का कहना है कि जिन जेलों में अपराधियों को स्थांतरित किया गया वहां असुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिल सकता।
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इन एक दर्जन जेलों में लगे जैमर
- एडीजी जेल जेएल मीणा के अनुसार यूपी में एक आदर्श कारागार और पांच केंद्रीय कारागार सहित कुल 70 कारागार हैं।
- मोबाइल का इस्तेमाल रोकने के लिए 12 जेलों में जैमर की व्यवस्था की गई है।
- इनमें मुजफ्फरनगर, वाराणसी, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, नैनी, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और गोरखपुर जेल शामिल हैं।
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इन जेलों में चल रहा जैमर लगाने का काम
- एडीजी जेल के अनुसार यूपी की अन्य 12 जेलों में जैमर लगाने का काम चल रहा है। इनमें जिला कारागार अलीगढ़, एटा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, इटावा, बांदा, मैनपुरी, झांसी, जौनपुर, बलिया और केंद्रीय कारागार बरेली शामिल हैं।
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4जी नेटवर्क पर जैमर बेअसर
- विशेषज्ञों की माने तो 4जी नेटवर्क पर जैमर काम नहीं करता है।
- जिन जिलों में जैमर लगाए गए हैं वहां भी कुछ खामियां सामने आईं हैं।
- कई मोबाइल नेटवर्क पर जैमर का असर नहीं होता तो कुछ की फ्रीक्वेंसी अपराधियों की मिलीभगत से कम कर दी जाती है ताकि फोन का इस्तेमाल आसानी से हो सके।
- लखनऊ जेल में इस तरह की शिकायत जेल अधिकारियों को मिली हैं इसके बाद जैमर की सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी को इसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
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बिना जैमर की जेल में भेजे गए 28 अपराधी
- पिछले दिनों में 30 अपराधियों की जेल बदल दी गई।
- इनमें से ऐसे कई अपराधी हैं जिनको ऐसी जेल में लाया गया है जहां जैमर लगा है।
- जफर अली को गोरखपुर जेल से मुजफ्फरनगर, ज्ञानी सिंह को बाराबंकी से मिर्जापुर भेजा गया है।
- जबकि अन्य को बिना जैमर जेल भेजा गया है।
- इनमें बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व सांसद अतीक अहमद, बसपा के पूर्व विधायक शेखर तिवारी, सपा के पूर्व विधायक उस्मानुल्लाह हक, कुख्यात अपराधी यूनुस काला, मनोज ओझा, कृष्णानंद सिंह आशुतोष सिंह समेत 28 अपराधी हैं।
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जैमर के लिए स्वीकृत हुए 3.51 करोड़ रुपये
- एडीजी जेल के अनुसार पिछली राज्य सरकार ने सौर संयंत्र, जैमर, सीसीटीवी कैमरे, वीडियो कॉन्फ्रेंस सिस्टम, दरवाजा फ्रेम डिटेक्टरों और अन्य सुरक्षा को मजबूत बनाने वाले उपकरणों की स्थापना के लिए 3.51 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।
- उन्होंने बताया कि पहले चरण में, मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, मेरठ और नोएडा की जेलें सौर ऊर्जा वाले जैमरों के साथ फिट होने का काम चल रहा है।
- बाद में बरेली, गोरखपुर, नैनी, प्रतापगढ़, लखनऊ, अलीगढ़ और बुलंदशहर में जैमर लगाए जायेंगे।
- उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, बरेली में अधिकतम 41 जैमर, नैनी में 28, लखनऊ में 24, मेरठ में 15, अलीगढ़ में 12, एटा में 7 सात और आगरा में 6 जैमर लगने हैं।
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