साल 1984 के दंगा में पीड़ित सिखों(1984 sikh riots case) को मुआवजा और पुनर्वास की मांग की याचिका पर सुनवाई उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित हाई कोर्ट में चल रही है, जिसके तहत कोर्ट ने मामले में सूबे के प्रमुख सचिव गृह को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को(1984 sikh riots case):
- 1984 के दंगा पीड़ित सिखों को मुआवजा और पुनर्वास को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर है।
- जिस पर हाई कोर्ट की पीठ अपनी सुनवाई कर रही है।
- जिसमें मुआवजे और पुनर्वास की मांग पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिए हैं।
- निर्देश में प्रमुख सचिव गृह क व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
- इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को की जाएगी।
- जिसका आदेश जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस कृष्ण सिंह की खंडपीठ ने दिया।
कानपुर में 14 लोगों को जलाकर मार दिया गया था(1984 sikh riots case):
- 1984 के सिख दंगों में 31 अक्टूबर को सिख विरोधी दंगों में किदवई नगर के एक ही परिवार के 14 लोगों को जलाकर मार दिया गया था।
- इसके साथ ही पूरे प्रदेश में सिखों की दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भारी नुक्सान पहुँचाया गया था।
- केंद्र सरकार ने 1996 में 716 करोड़ का पैकेज पुनर्वास और मुआवजे के तौर पर दिया था।
- साथ ही यह तय किया गया कि, एक लाख से अधिक नुक्सान पर एक लाख और,
- एक लाख से कम नुक्सान पर 50 हजार रुपये दिए जायेंगे।
- केंद्र सरकार ने ये भी कहा था कि, राज्य सरकार के मुआवजे से 10 गुना अधिक मुआवजा दिया जायेगा।
हुई थी 127 सिखों की हत्या(1984 sikh riots case):
- देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट कानपुर में हुई सिखों की हत्या के मामले में सुनवाई को तैयार हो गयी थी।
- सुप्रीम कोर्ट SIT या सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था।
- मामले की पहली सुनवाई 24 अप्रैल को हुई थी।
- गौरतलब है कि, यह मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का है।
- जहाँ साल 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे।
- जिसमें करीब 127 सिखों की हत्या कर दी गयी थी।
2800 लोगों पर दर्ज हुई थी FIR(1984 sikh riots case):
- 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में कानपुर में करीब 127 सिखों की हत्या कर दी गयी थी।
- मामले में 2800 लोगों पर पुलिस ने FIR दर्ज की थी।
- लेकिन मामले में किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त के साथ हामी भरी है कि, वो इसे पहले से दायर याचिका के साथ सुनेगा।
- ज्ञात हो कि, लंबित याचिका में दिल्ली दंगे की जांच SIT जांच की कोर्ट द्वारा जांच की बात कही थी।