एसटीएफ उप्र को उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में संरक्षित वन्य जीवों का अवैध शिकार कर उनके खाल, हड्डियां आदि की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर एक टाईगर की खाल और हड्डी बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। दोनों अभियुक्तों को थाना-नगीना देहात, जनपद-बिजनौर में दाखिल किया गया तथा उनके विरूद्ध मुअसं-59/18 धारा-9/39/40/44/48/49बी/51/52/56 वाईल्ड लाईफ प्रोटैक्शन एक्ट व 26 फोरेस्ट एक्ट /379/411 भादवि पंजीकृृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
विगत काफी समय से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को सूचना प्राप्त हो रही थी कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के संरक्षित वन्य क्षेत्रो में प्रतिबन्धित वन्य जीवों का अवैध शिकार करके उनके अंगों की तस्करी की जा रही है। इस अवैध कारोबार में घुमन्तु जाति के लोगों का गिरोह सक्रिय है। उत्तर प्रदेश के जनपद-बिजनौर व उत्तराखण्ड के जनपद-हरिद्वार में इनके द्वारा अवैध शिकार किया जा रहा है। अभिषेक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उप्र द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में अभिसूचना संकलन व कार्यवाही हेतु डाॅ. अरविन्द चतुर्वेदी, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उप्र को निर्देशित किया गया।
प्रदेश के तराई क्षेत्र में रहते थे सक्रिय
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ मुख्यालय पर डाॅ. अरविन्द चतुर्वेदी के नेतृत्व में गठित एक टीम वन्य जीव अपराधों एवं अपराधियों के विरूद्ध कार्य करती है। डाॅ. चतुर्वेदी का नियमित सम्पर्क वाईल्डलाईफ क्राईम कन्ट्रोल ब्यूरो (WCCB), नेशनल टाईगर कन्जरवेशन अथोरिटी (NTCA), साउथ एशिया वाईल्डलाईफ इंफोर्स्मेंट नेटवर्क (SAWEN) के अतिरिक्त अनेकों NGOs से रहता है। जिससे उन्हें समय समय पर महत्वपूर्ण सूचनायें मिलती रहती हैं। उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बहराईच से लेकर बिजनौर तक विभिन्न नेशनल टाईगर रिजर्वो और उनके बफर क्षेत्रों में टाईगर की अच्छी संख्या होने के कारण स्थानीय और बाहर से आने वाले शिकारियों के सम्बन्ध में अभिसूचनायें निरन्तर एकत्र की जाती हैं।
टाईगर की खाल और हड्डियां जा रहे थे बेचने
इस क्रम में वाईल्डलाईफ SOS संस्था के CEO कार्तिक सत्यनारायण द्वारा उपलब्ध कराई गई एक महत्पूर्ण अभिसूचना को विकसित किया गया। ज्ञात हुआ कि कुछ शिकारी नगीना, बिजनौर में टाईगर की खाल और हड्डी का सौदा करने के लिए आए हुये हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को अवगत कराते हुए फील्ड इकाई मेरठ के पुलिस उपाधीक्षक बृजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम नगीना भेजी गयी। अभिसूचना संकलन के दौरान उप निरीक्षक अरूण निगम को जानकारी प्राप्त हुई कि कुछ शिकारी नहर की पटरी कोटकादर, थाना नगीना देहात, जनपद बिजनौर में अवैधरूप से शिकार किये हुए टाईगर की खाल और हड्डी किसी को बेचने के लिए लाने वाले है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम द्वारा बिजनौर पहुॅचकर स्थानीय थाने से 2 कर्मियों को साथ लेकर उक्त स्थान की घेराबन्दी की गयी और अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए उल्लखित बरामदगी की गयी।
पिता भी वन्य जीव अपराध के मामले में जा चुका जेल
पूछताछ पर अभियुक्त दास ने बताया कि वह कस्बा कुम्बा, थाना हांसी, जनपद हांसी (हरियाणा) का रहने वाला है। उसके पिता सत्यवान कई बार वन्य जीव अपराध के मामलों में जेल जा चुके है। बरामद खाल के सम्बन्ध में पूछे जाने पर बताया कि उक्त शिकार में कुल 6 लोग शामिल थे। शिकार करने के बाद हम लोगो ने खाल और हड्डी को साफ करके पाॅलीथिन में लपेटकर एक चिन्हित जगह पर जमीन में गाड़ दिया था। आज माल बेचने की नियत से नगीना आते समय अपने साथी रोहताश के साथ पकड़ा गया। उसके अन्य चार साथियों के बारे में महत्वपूर्ण सूचनायें प्राप्त हुई है जिनके सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है।
वन्य जीव अपराध में महिला भी शामिल
डाॅ. चतुर्वेदी ने विवेचक को वन्य जीव अपराध की उक्त विवेचना के सम्बन्ध में विस्तृत मार्गदर्शक बिन्दु उपलब्ध कराये हैं। जिनमें बरामद खाल की फोटो के आधार पर वाईल्डलाईफ इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (WII) के टाईगर स्क्राईप पैटर्न डाटाबेस से मृत टाईगर की पहचान कराना भी सम्मिलित है। WCCB के उप निदेशक आरएस ठाकुर ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त दास का पिता सत्यवान उर्फ सत्यभान मुअसं 90/2015, थाना हाथीपोल उदयपुर, राजस्थान में दिनांक 05.05.2015 को 2 लेपर्ड की खालों के साथ 6 अन्य अभियुक्तों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि उसके साथियों में कुख्यात वन्य जीव अपराधी संसारचन्द की पत्नी रानी भी शामिल थी। सत्यवान उपरोक्त संसारचन्द का निकट सहयोगी रहा है। इसके अतिरिक्त सत्यवान वर्ष 2005 में थाना मानक चौक, जयपुर में भी वन्य जीव अपराध में गिरफ्तार हो चुका है।
भारत में टाईगर की कुल जनसंख्या 2230 आगणित
बिजनौर तथा आसपास में टाईगर जनसंख्या एवं पिछले वर्षो में हुए अपराधों के सम्बन्ध में DIG NTCA निशान्त सिन्हा ने बताया कि टाईगर का सेन्सस प्रत्येक चार वर्ष पर किया जाता है। सेन्सस 2014 के आंकणो के अनुसार उत्तराखण्ड में 340 तथा उत्तर प्रदेश में 117 टाईगर आगणित किये गये थे। इनमें कार्बेट तथा उसके बफर क्षेत्र, विशेष कर अमानगढ़ रेंज में सर्वाधिक टाईगर जनसंख्या है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में टाईगर की कुल जनसंख्या 2230 आगणित है। पिछले छ वर्षो में बिजनौर में टाईगर सम्बन्धी पाँच बारमदगियाँ की जा चुकी हैं। अक्टूबर 2012 में एसटीएफ द्वारा अभ्यस्त अपराधीगण करतार, मो उमर आदि से दो टाईगर की खाल, दिसम्बर 2013 में एसटीएफ द्वारा करतार, मो0 उमर, धरमवीर सहित 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर दो खाले और 63 किलो हड्डी बरामद की, मार्च 2014 में CCB द्वारा बावरिया महिला की गिरफ्तारी, मई 2015 में एसटीएफ द्वारा दिल्ली स्पेशल सेल के टाईगर पोचिंग केस के कुख्यात अपराधी सईद की गिरफ्तारी तथा जून 2015 में CCB द्वारा तीन शिकारी गुर्जरों की गिरफ्तारी उल्लेखनीय है।
इन अभियुक्तों के पास से मिला ये सामान
गिरफ्तार अभियुक्तों में रोहताश पुत्र कर्मवीर, निवासी नेयाना, थाना सदर, जिला हिसार और दास पुत्र सत्यवान, निवासी कुम्बा, थाना सदर हांसी, जिला हांसी हैं। इनके पास से 1 अदद टाईगर(बाघ) की खाल (नाक से पूछ तक लगभग 10 फिट), बाघ की हड्डी वजन लगभग 18 किग्रा, 2 पहचान पत्र, 1 अदद आधार कार्ड और 2 अदद मोबाईल फोन बरामद हुए हैं।