सरकार किसानों के उन्नति के लिए तमाम प्रयास कर रही है तो वहीं बुंदेलखण्ड के किसानों के लिए विशेष पैकेज भी दिया गया। इसके बावजूद बुन्देलखण्ड में कर्ज में डूबे दो किसानों ने मंगलवार को फांसी लगाकर जान दे दी। हमीरपुर में जरिया थाना क्षेत्र पहरा गांव के किसान ने बैंकों से करीब 11 लाख रुपये का कर्ज लिया था। उधर, बांदा में बबेरू थाना क्षेत्र के अलामपुर गांव में रहने वाले किसान पर चार लाख का कर्ज था जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली।
बैंक से लिया था ट्रैक्टर के लिए कर्ज
जानकारी के अनुसार हमीरपुर के पहरा गांव निवासी सिद्धा ने मंगलवार तड़के घर के बाहर गमछे से फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। सुबह उसकी लाश देख परिजन सकते में आ गए।
परिजनों के अनुसार सिद्धा के पास 24 बिघा जमीन है जिसपर उसे इस साल फसल से अच्छी उम्मीद थी लेकिन अनुमान के अनुरूप पैदावार नहीं होने के कारण परेशान था।
वहीं बेटे सीताराम ने बताया, उसके पिता ने 2006 में यूपी ग्रामीण बैंक से 5 लाख कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। बताया कि चार साल पहले तक किश्त के 1.7 लाख रुपये जमा किए गए, लेकिन इधर कुछ सालों से खेती में नुकसान के चलते कर्ज की अदायगी मुश्किल हो गई थी।
बैंक से लगातार दबाव दिया जा रहा था इसलिए तंग आकर जान दे दी। उधर, एसडीएम ने कानूनगो को इस मामले की जांच सौंपी है।
खेत में ही लगा ली फांसी
जानकारी के अनुसार बांदा के अलामपुर गांव निवासी बाकर खां ने सोमवार आधी रात के बाद फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि उसे रात 9 बजे तक वह अपने खेत के पास गुमसुम बैठा देखा गया था। वहां पड़ोसी किसान के खेत में फसल कतराई चल रही थी।
रात में पड़ोसी के जाते ही उसने फांसी लगा ली। सुबह उसका शव देखकर गांव में हड़कंप मच गया। जिसकी जानकारी होने पर रोते बिलखते घरवाले भी पहुंच गए।
बैंक सहित कई लोगों से ले रखा था कर्ज
परिजनों के मुताबिक बाकर ने 2013 में इलाहाबाद ग्रामीण बैंक से दो लाख का कर्ज ले रखा था। साल दर साल नुकसान के चलते कर्ज नहीं चुका पा रहा था।
वहीं बैंक की नोटिस पर पता चला कि कर्ज बढ़कर 3.76 लाख रुपये हो गया है। इसके अलावा उसने रिश्तेदारों और गांव वालों से दो लाख से अधिक का कर्ज ले रखा था। कर्ज वसूली का भारी दबाव था।