पुलिस भर्ती मामले में सरकार के स्वास्थ्य कल्याण मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मीडिया को बताया कि भर्ती मामले में सरकार का जबाब हाईकोर्ट में रखा गया था। इस दौरान नई भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई, जिसमें 34716 कॉस्टेबिल भर्तियों पर कोर्ट जो निर्णय लेगी। वहीं, सरकार स्वीकार करेगी।
सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द पुलिस भर्ती हो, राज्य सरकार पुलिस भर्ती में किसी तरह का रोड़ा नहीं बनना चाहती हैं।
दरअसल आज राजधानी लखनऊ में 2015- 2016 पुलिस भर्ती मामले में युवा विरोध प्रर्दशन कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र से जैसे अनुमति मिलेगी डीजीपी आ जाएंगे भर्ती प्रकिया शुरु की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि 34716 भर्ती पुरानी है जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है।
ये वैकेंसी पूर्वती सरकार में निकली थी। मामला कोर्ट में है। हमने जो वैकेन्सी निकली है वो अलग है।
उसका इस वैकेंसी से कोई लेना देना नही है। हमने कोर्ट को बताया है कि हम नई भर्ती प्रक्रिया लाये है।
और जो कोर्ट निर्णय देगा। पुरानी वैकेंसी में वैसा ही किया जाएगा।
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2015 में निकली थी सिपाहियों की भर्ती
29 दिसंबर 2015 में भर्ती बोर्ड ने 28916 पुरुष और 5800 महिला सिपाहियों की भर्ती का ऑनलाइन आवेदन डाला था।
जिसके बाद 34 हज़ार 716 महिला और पुरुष सिपाहियों ने यूपी पुलिस और पीएसी के लिए चयन हुआ था।
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लेकिन आज तक उसका परिणाम घोषित नहीं हुआ।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली थी।
जिसके बाद 27 मई 2016 में हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी
और सरकार की तरफ से सफल प्रयास ना होने पर अभी तक उनका सिपाही भर्ती का परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
प्रदर्शनकारी खुद सीधा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते हैं
और हाईकोर्ट में सुरक्षित इस फैसले में सरकार की तरफ से पैरवी करवाना चाहते हैं।
साथ ही सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह से मुलाकात कर अपनी समस्या भी साझा करना चाहते हैं।
लेकिन भारी पुलिस बल उनको लक्ष्मण मेला पहुँचाने में लगा रहा।
इसके बाद सुबह से ही पुलिस चारबाग़ रेलवे स्टेशन से लेकर कालिदास मार्ग तक छावनी में तब्दील रहा।
आशंका है कि पुलिस अभ्यार्थी अपना मांगो को लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी कर सकते हैं।