प्लाट आवंटित कर कब्जे देने की मांग को लेकर एक बार फिर गोमती नगर विस्तार के 22 पीडि़त परिवारों ने लखऊ विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा से मुलाकात की लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ा। विस्थापन नीति 2003 के तहत वह वर्षों से प्लाट की मांग कर रहे हैं। इस बाबत, कई बार एलडीए के पूर्व वीसी व सचिव आदि के साथ बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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22 परिवार छूटे
- एलडीए आए समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 2000 में उनकी प्लाट आदि का अधिग्रहण किया गया।
- इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापन के तहत दूसरी जगह प्लाट दे दिये गए लेकिन ये 22 परिवार छूट गए।
- इसके लिए तमाम पर एलडीए को प्रार्थना पत्र दिये गए लेकिन सुनवाई न हो सकी।
- एक पत्र दिखाते हुए उन्होंने बताया कि 2016 में तत्कालीन वीसी की अध्यक्षता में बैठक हुई।
- इसमें अगली बोर्ड बैठक में इन परिवारों के लिए एजेंडा रखा जाना तय हुआ।
- इसके बाद वीसी के स्थानांतरण के बाद बात आगे नहीं बढ़ी।
- लिहाजा, अभी तक उन्हें प्लाट नहीं मिल सका। इसके चलते शुक्रवार को समिति के सदस्य सचिव से मिलने आए।
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- उनके न होने पर नजूल अधिकारी विश्व भूषण ने उनकी समस्याएं सुनीं।
- सदस्यों ने कहा कि परिवार बेहद तकलीफ में है। इसलिए हमें विस्थापन नीति के तहत प्लाट दिये जाएं।
- वहीं, प्लाट आवंटन के संबंध में डाली गई लॉटरी के अनुसार, जिन्हें प्लाट आवंटित हो चुके हैं।
- लेकिन कब्जा नहीं मिला है, उसे दिलाया जाए।
- इसके अलावा उन्होंने और समस्याओं का निस्तारण करने को कहा।
- जानकारी के अनुसार, विश्व भूषण मिश्रा ने दोबारा से लिखित शिकायत करने को कहा है जिससे उचित कार्रवाई की जा सके।
- वहीं, समिति के सदस्यों का कहना है कि वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से भी करेंगे।
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