उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला में फरवरी माह में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से करीब 40 लोगों के एचआईवी एड्स हो गया था। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस घटना के दाग को स्वास्थ्य विभाग अभी सही से मिटा भी नहीं पाया था कि हापुड़ जिला में 232 एड्स के मरीज मिलने से हड़कंप मचा हुआ है, ये आंकड़ा पिछले 3 साल का है। बताया जा रहा है कि एचआईवी एड्स के पीड़ित करीब 17 मरीजों की पिछले तीन साल में मौत भी हो चुकी है। मरीजों की मौत के बाद जिला में अब स्वास्थ्य कैम्प लगाया जा रहा है। एड्स की रोकथाम के लिए एचआईवी जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया जायेगा।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2014 से 2017 के बीच 232 मरीजों में एड्स हुआ। जिले में एचआईवी के मरीजों की बढ़ रही संख्या स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का सबूत है। ये खुलासा मेडिकल कैम्प में जांच के दौरान आई रिपोर्ट के दौरान हुआ। मरीजों के एचआईवी पॉजिटिव होने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस संबंध में सीएमओ ने बताया कि बेसिक जांच में झोलाछाप डॉक्टर के अलावा लंबे समय तक बाहर रहने वालों का भी तथ्य सामने आया है। यह बेहद संवेदनशील मामला है। इसकी जांच की जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।