भाजपा जिन मुद्दों को लेकर चुनाव में आक्रामक रही और चुनाव बाद कुछ दिनों तक खूब प्रचार किया गया, अब वो मुद्दे कहीं कहीं खोते दिखाई दे रहे हैं. बात चाहे आवास देने की हो या बिजली देने की, योजनाओं को भलीभांति जमीन पर उतारने में भाजपा पूरी तरह कामयाब नहीं हो पा रही है. भाजपा ने बिजली की व्यवस्था को लेकर चुनाव पूर्व सपा सरकार पर हमला बोला था और चुनाव बाद सभी को बिजली 24 घंटे देने का वादा किया था. लेकिन अब सरकार इसकी अवधि बढ़ाने की बात करने लगी है.
उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का बयान (भाजपा)
जनता से जुड़ी योजनाओं पर तारीख पर तारीख दी जा रही है. ऐसा लगता है कि सरकार की फजीहत सुस्त सिस्टम करा रहा है . यूपी में 24 घंटे बिजली देने की समय सीमा बढ़ गई है. ये समय सीमा अब अक्टूबर 2018 से बढ़ाकर समय सीमा मार्च 2019 कर दी गई है. उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि यूपी के गांवों और शहरों को 24 घंटे बिजली मिलेगी लेकिन 5 महीने ज्यादा लगेंगे. सरकार के इरादों पर पलीता सिस्टम लगा रहा है.
तमाम योजनाओं की समय सीमा लगातार बढ़ रही है.
30 ज़िलों को ODF करने का लक्ष्य भी बढ़ा
अक्टूबर 2017 के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर सके हैं. इसके लिए भी अब अब मार्च 2019 की नई तारीख मिली है. यही नहीं अब गड्ढा मुक्त सड़क की समय सीमा बढ़ चुकी है. अब सड़कों को 30 मार्च 2018 तक गड्ढा मुक्त सड़क का लक्ष्य है. बिजली विभाग में नए कनेक्शन देने की सीमा भी बढ़ चुकी है. 1 करोड़ 60 लाख कनेक्शन देने की सरकार की योजना है. सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक 1.60 करोड़ कनेक्शन देने का है. सुस्त सिस्टम के कारण अब प्रमुख योजनाओं में देरी तो हो रही है लेकिन इसके कारण किरकिरी सरकार की हो रही है जो कि लाजिमी है. चुनाव बीते 8 महीने से अधिक का वक्त हो चुका है और अब योजनाओं को जमीन पर उतारने का वक्त है.