उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में गुमनामी बाबा के नाम से जो शख्स एकांत जीवन व्यतीत कर रहा था उसकी मृत्यु के बाद से ही कयास लगाये जा रहें हैं कि वह कोई और नहीं बल्कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस थें। हालाँकि इतिहास के मुताबिक नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को हवाई दुर्घटना में हुई थी।
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- इस बीच केन्द्र सरकार नेताजी से जुड़ी फाइलों का आखिरी सेट आज जारी कर रही हैं।
- भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार आज नेताजी से जुड़ी 25 फाइलों को सार्वजनिक करेगा।
- इन फाइलों में से 7 फाइलें 1951-2000 के बीच प्रधानमंत्री ऑफिस से एकत्र की गईं हैं।
- 4 फाइलें इस समयावधि में ही गृह मंत्रालय से प्राप्त की गई हैं।
- वहीं 2000-2008 के बीच की 14 फाइलें विदेश मंत्रालय से जुटाई गई हैं।
- मालूम हो कि नेताजी के 119वीं जयंति पर उनसे जुडी पहली 100 फाइलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की थी।
- कल शाम संस्कृति मंत्रालय में इस मामले को लेकर कई बैठकें हुईं कि इंदिरा गांधी के शासन की उन फाइलों को जारी किया जाए या नहीं जिनमें से कुछ पेपर गायब हैं।
- इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुमनामी बाबा के सामान में मौजूद बक्सों को खुलवाने का आदेश दिया था।
- इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने फैजाबाद में एक संग्रहालय बनवाने का ऐलान कर दिया। जिसमें गुमनामी बाबा के बक्से से मिले समान को सुरक्षित रखा जाएगा।
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गुमनामी बाबा के सामान में से दो बक्से और खोले गए, उनके नेताजी होने की सम्भावना बढ़ी!
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