आगामी 26 जनवरी 2018 को मनाये जाने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं। इसको लेकर विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ में रोजाना रिहर्सल कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली भव्य परेड के दौरान झांकियां लाखों दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती हैं। शुक्रवार को रिहर्सल परेड के दौरान छात्रों की कदम ताल देखने को मिला। स्कूली बच्चों के फ्लैग मार्च और बैंड बजाते हुए कई लोगों ने कैमरे में कैद किया।
सुरक्षा को लेकर अलर्ट है पुलिस रहेगी कड़ी चौकसी
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि गणतंत्र दिवस को अब 13 दिन और रह गए हैं। लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ पुलिस अभी से मुस्तैद कर दी गई है। सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। उन्होंने सुरक्षा को लेकर अभी से ही मातहतों के साथ मीटिंग कर पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी के मुताबिक, अभी से बाजारों, प्रमुख प्रतिष्ठानों के अलावा रेलवे स्टेशन व बस अड्डों तथा विधानसभा के आसपास हर समय चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही इमारतों की छतों पर भी पैनी निगाह रखने के साथ अत्याधुनिक असलहों से लैस जवानों को भी तैनात किया जायेगा। एसएसपी का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर मातहतों को कई बिंदुओ पर सतर्कता बरतने निर्देश दिए गए हैं। इस मौके पर बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड, एंटी सबाटोज टीमें और सादी वर्दी में जवानों को तैनात किया जायेगा।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ इस वर्ष गणतन्त्र दिवस, 26 जनवरी 2018 के पावन अवसर पर अपनी अद्भुत झाँकी के माध्यम से देश एवं विश्व समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निभाने की अपील प्रस्तुत करने जा रहा है। ‘विश्व हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’ विषय पर आधारित सी.एम.एस. की यह प्रेरणादायी झाँकी जन-मानस को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को आत्मसात करने का संदेश देगी, साथ ही साथ ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावनाओं के अनुसार प्रेम, प्यार, सहयोग एवं सहकार से ओतप्रोत विश्व व्यवस्था का आह्वान भी करेगी।
सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से मानवता के कल्याण का का संदेश दे रहे हैं। इस झाँकी के प्रथम भाग में दिखाया गया है कि एक बालक अपने सिर पर ग्लोब उठाये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह संकल्प ले रहा है कि ‘एक दिन दुनियाँ एक करूँगा, धरती स्वर्ग बनाऊँगा’। झाँकी के इसी भाग में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 के विभिन्न सिद्धान्तो को प्रदर्शित किया गया है जिसके माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को चरितार्थ किया जा सकता है। झाँकी के द्वितीय भाग में विभिन्नता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मंदिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं। इसके माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है व सभी धार्मिक ग्रन्थों में दी गई शिक्षाऐं एक ही परमात्मा की तरफ से उस युग की आवश्यकता के अनुसार भेजी गई हैं। इस प्रकार सभी धर्मों का सार मानव मात्र की एकता स्थापित करना है। इसी छत के नीचे सी.एम.एस. के बच्चे ‘विश्व हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर रहें है।
झाँकी के तृतीय भाग में ‘विश्व संसद’ का दृश्य दिखाया गया है। यह दृश्य हमें यह संदेश दे रहा है कि दुनिया में शान्ति, सुरक्षा, भाईचारा, प्रेम एवं एकता की स्थापना के लिए एवं निष्पक्ष तथा न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के नव-निर्माण हेतु वीटो पाॅवर रहित ‘विश्व संसद’ का गठन करें। इस ‘विश्व संसद’ द्वारा बनाये गये सभी कानून सभी देशों पर बाध्यकारी होंगे। झाँकी के चौथे भाग में नीदरलैण्ड स्थित ‘इण्टरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्ट्सि’ का दृश्य दिखाया गया है, जो यह संदेश दे रहा है कि विश्व मानवता के कल्याण हेतु अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय को प्रभावशाली बनाया जाए। वर्तमान में इस अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय किसी देश के लिए बाध्यकारी नहीं है।
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