सैकड़ों ठेकेदारों ने बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि नगर निगम की वित्तीय हालत खस्ता है और करीब 500 ठेकेदारों का 200 करोड़ रुपये से ज्यादा 2009 से बकाया है जिसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में सिर्फ 26 ख़ास ठेकेदारों का भुगतान निगम द्वारा गुपचुप तरीके से कर दिया गया जिसका पता चलने पर आज सभी ठेकेदारों में बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम पर एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर नगर आयुक्त के समक्ष विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन सौंपा।
नगर निगम ठेकेदार सुरेश लोधी ने बताया कि इन 26 ठेकेदारों का भुगतान इन्वेस्टर समिट के पैसों (Investor Summit money) से हो रहा है जो की नियमविरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इस अनियमित भुगतान को लेकर सैकड़ों की तादात में ठेकेदारों ने नगर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त से मिलकर विरोध दर्ज कराया एवं ज्ञापन सौंपा और मांग की कि सभी ठेकेदारों का नियमनुसार निरंतर सीरियल से भुगतान किया जाए और होली के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए त्यौहार से पहले 15 फ़रवरी तक सभी ठेकेदारों का भुगतान किया जाए।
नगर निगम पर ठेकेदारों का 200 करोड़ बाकी
‘आप’ नेता गौरव माहेश्वरी ने कहा कि नगर निगम की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है, ठेकेदारों के 2009 से करीब 200 करोड़ रुपये नगर निगम लखनऊ पर बाकी है। इस सबके बावजूद योगी सरकार ठेकेदारों को बिना पुराने भुगतान के 100 करोड़ के काम करने का दबाव बना रही है जो कि योगी सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। गौरव माहेश्वरी ने कहा कि भाजपा सरकार में अघोषित आपातकाल की स्थिति है।
उन्होंने कहा कि ठेकेदार भी इंसान हैं उनके भी अपने परिवार हैं, उनकी भी अपनी जिम्मेदारियां हैं लेकिन भाजपा ने नगर निगमों को बर्बाद करने की कसम सी खा रखी है, वर्षों से नगर निगम पर भाजपा का कब्ज़ा है लेकिन भाजपा सरकार में निगमों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है। उन्होंने योगी सरकार से सवाल किया की अगर ठेकेदारों को समय पर उनके काम का भुगतान नहीं किया जाएगा तो वो काम कैसे कर पायेंगे और और अगर सरकार के दबाव में काम करेंगे भी तो उसमें गुणवत्ता का ध्यान कैसे रख पायेंगे।