उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना से यह सामने आया है कि आयोग में हर माह औसतन 2700 नए केस आ रहे हैं जबकि औसतन 3000 केस का निपटारा हो रहा है। नूतन के अनुसार यह स्थिति गंभीर है और आयोग को आरटीआई एक्ट के उल्लंघन पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।
सूचना के अनुसार वर्ष 2015-16 में 32900 नए अपील तथा शिकायत दायर किये गए जबकि इस वर्ष 36688 केस का निपटारा हुआ। वर्ष 2016-2017 में 31963 नए केस दायर हुए जबकि 35917 केस का निपटारा हुआ। इस प्रकार 01 अप्रैल 2015 को कुल 55422 लंबित केस थे जो 01 अप्रैल 2017 को 47684 हो गए थे।
सूचना से यह भी पता चलता है कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग आयोग के प्रति पूरी तरह लापरवाह हैं। जहाँ आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 25(2) में प्रत्येक विभाग को आरटीआई के संबंध में आयोग को एक वार्षिक रिपोर्ट भेजी जानी है, वहीँ वर्ष 2015-16 में किसी भी विभाग ने रिपोर्ट नहीं भेजा जबकि वर्ष 2016-17 में मात्र नागरिक उड्डयन, अतिरिक्त उर्जा, लोक निर्माण, विभायी तथा चीनी उद्योग विभाग एवं डीआईजी कानपुर परिक्षेत्र व अभियोजन निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट भेजी।
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