उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर्म स्थली कहे जाने वाले गोरखपुर जिला में स्थित मधवलिया गोसदन में अचानक 40 से अधिक गायों की सनसनीखेज रहस्यमय मौत हो गयी है। इसके बाद कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। गायों की अचानक मौत कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है।
एक तरफ जहां हिंदू संगठनों से जुड़े लोग देश भर में गौरक्षा के नाम पर आतंक फैलाते हुए एक गाय के तस्कर को भी पकड़ ले तों उसकी हत्या करने पर आमादा हो जा रहे हैं वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे प्रिय प्रोजेक्ट में से एक मधवलिया गोसदन में अचानक 40 गायों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह निवास गोरखपुर से महज 70 किमी की दूरी पर स्थित जिले के मधवालिया गो सदन से गायों के मरने की सबसे बड़ी दर्दनाक खबर प्रकाश में आई है।
ख़बरों के मुताबिक, मधवलिया गोसदन में पिछले तीन से चार दिनों में जबरदस्त कुप्रबंधन के कारण 40 से अधिक गायों की दर्दनाक मौत हुई है। चर्चा ये भी है कि गायों की संख्या और भी हो सकती है। खबरें वायरल होने के बाद जिला प्रशासन से लेकर चारों तरफ हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए जुट गया है। लापरवाही की हद यह है कि जिला मुख्यालय से प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ राम सिंहासन प्रेम और अपर जिलाधिकारी आरपी कश्यप जैसे वरिष्ठ अधिकारी इतनी बड़ी घटना के बाद भी मौके पर जाना मुनासिब नही समझे।
ये अफसर मौके पर जाने की बजाय अपने सरकारी घर पर छुट्टी मना रहे हैं और जाड़े में हीटर का मजा ले रहे हैं। इससे साफ है कि जिले केअफसर इस घटना को लेकर कितने लापरवाह हैं। इन्हें अपने सस्पेंशन का न तो डर है और न ही सीएम के कड़क तेवरों का कोई एहसास। बताया जा रहा है कि सिर्फ तहसील स्तर के अधिकारी मौके पर गए और लीपापोती में जुट गए।
स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रशासन जेसीबी मशीन लाकर आनन-फानन में गायों की लाशों को सामूहिक तौर पर जमीन में गाड़ने की तैयारी की जा रही थी। ग्रामीणों के मुताबिक, मृत गायों की संख्या 80 तक है। लेकिन 40 गायों की मौत स्पष्ट मौके पर दिख रही है। यह मौतें पिछले 15 दिन से लगातार हो रही हैं।
गोसदन से जुड़े सूत्र सिर्फ 20-22 गायों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूरे गोसदन क्षेत्र में जहां-तहां गायों के कंकाल बिखरे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, चार महीन पहले तक यहां गायों की कुल संख्या लगभग 350 थी, इधर 150 और गायें गोरखपुर से आय़ी हैं। इस गोसदन में बीमार व बूढ़ी गायें भी रहती है। अब प्रशासन इन मृत गायों को ठंड लगना व बीमार बता और संख्या घटाकर लीपापोती में जुट गया है।