साल 2005 में एक हिंदी फिल्म आई थी ‘बंटी और बबली’, जिसमें दिखाया गया था कि कैसे ये दोनों लोगों को चूना लगाकर उनसे पैसे, जेवर आदि ऐंठ लेते हैं. इस प्रकार से ये दोनों अपनी बातों में लोगों को फंसा लेते थे कि पता नहीं चलता था कि इनका असली इरादा क्या है.
ठीक इसी प्रकार की वारदात छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में सामने आई. रायगढ़ के चक्रधर नगर इलाके से एक कार चोरी होने की वारदात सामने आई थी. लेकिन जब पुलिस चोरों तक पहुंची और चोरी की कार भी सामने मिल गई लेकिन गिरफ्तार नहीं कर सकी.
हरदोई के हैं बंटी और बबली:
- रायगढ़ की रहने वाली रौशनी अम्बुवानी की श्रुति सिंह फेसबुक से दोस्ती हुई.
- असल जिंदगी में इतने करीब आ गए कि दो महीनों में ही इन्होने कार की डील कर ली.
- दोनों रौशनी अम्बुवानी के घर रायगढ़ पहुँच गए.
- इन दोनों ने अपना ठिकाना लखनऊ बता रखा था.
- लड़की के पति बताये जाने वाले राजेन्द्र ठाकुर ने इन्हें अपनी ही कार बेच देने का ऑफर दिया.
- ये डील 5 लाख 51 हजार में फाइनल हुई.
- पूरा मामला पिछले साल सितम्बर महीने का है.
- हालाँकि कार के कागज पर हरदोई का पता लिखा हुआ है.
- अम्बुवानी दम्पति ने कार की वेरिफिकेशन के लिए डील के वक्त देखा था और कन्फर्म किया था.
- जिसके बाद इस मामले में जाँच को थोड़ा बल मिला था.
5.51 लाख के साथ कार भी उठा ले गया:
- रौशनी अम्बुवानी के अनुसार, 3 किश्तों में रौशनी अम्बुवानी ने पैसे दे दिए.
- कागज यूपी से MP के ओनर के नाम ट्रान्सफर करने की बात कह दोनों लखनऊ चले गए थे.
- तबतक गाड़ी के कागज अम्बुवानी दम्पति के नाम पर नहीं हो पाया था.
- तभी उनके परिवार के एक सदस्य की मृत्यु हो गई.
- असामयिक मृत्यु के बाद परिवार उलझ गया.
- कुछ दिनों बाद राजेन्द्र ठाकुर दुबारा रायगढ़ आया और कुछ दिन इनके घर पर ही रहा.
- एक रात अचानक रायगढ़ से लखनऊ वापस जाने की बात कहकर निकला.
- अम्बुवानी दम्पति ने उसे स्टेशन भी छोड़ दिया और शालीमार एक्सप्रेस में बिठा दिया.
कार की दूसरी चाभी आरोपी ने नहीं थी:
- सुबह 7 बजे जब इन्होने देखा तो घर के बाहर कार नहीं थी.
- काफी पड़ताल के बाद भी कुछ नहीं मालूम हुआ.
- CCTV फूटेज में देखने पर संदेह के आधार पर मामले में जाँच आगे बढ़ी.
- पुलिस में रिपोर्ट करने गए तो बड़ी मशक्कत के बाद चोरी की रिपोर्ट लिखी जा सकी.
- अंतत: रौशनी दम्पति को पूरा मामला समझ आया और उन्होंने पुलिस को सबकुछ बताया.
- कार तो सौंप दिया था राजेंद्र ने लेकिन कार की दूसरी गुम होने का बहाना बना कर गया.
लखनऊ पहुंची थी रायगढ़ पुलिस:
- पूरा समझ में आने पर रायगढ़ पुलिस लखनऊ पहुंची और राजेन्द्र के ठिकाने पर पहुंची.
- रायगढ़ पुलिस के अनुसार, वहां उन्हें वो कार (नंबर- UP30AA-2333) जो कि हरदोई के शो रूम से ली गई थी, मिल गई.
- लेकिन यूपी पुलिस ने वारंट न होने की बात कहकर गिरफ़्तारी से मना कर दिया.
अम्बुवानी दम्पति को मिलती रही है धमकी:
- अम्बुवानी दम्पति को मामले में पुलिस की मदद न लेने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है.
- वहीँ अम्बुवानी दम्पति यूपी पुलिस से कई बार गुहार लगा चुकी हैं.
- लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
- युवक हरदोई का रहने वाला बताया जाता है.
- वहीँ गाड़ी के कागज भी उसके ससुर बताये जा रहे कौशल कुमार सिंह के नाम पर है जो कछौना के हैं.
- पीड़िता के मुताबिक, हरदोई पुलिस अब आरोपी को फरार बता रही है.
गाड़ी के कागज ट्रान्सफर न होने के कारण पीड़ित की बढ़ी मुसीबत:
पीड़ित दम्पति के मुताबिक, गाड़ी के कागज उनके नाम ट्रान्सफर होने के वक्त उनके परिवार के सदस्य की मृत्यु की हो गई थी. पीड़ित दम्पति के अनुसार 5.51 रु में डील हुई थी जबकि आरोपी ने ढाई लाख रु की बात स्वीकार की है. अम्बुवानी दम्पति के अनुसार, लखनऊ से लेकर हरदोई पुलिस तक उन्होंने संपर्क किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. पीड़ित दम्पति के मुताबिक अभी आरोपी के हरदोई में ही होने की संभावना है जबकि हरदोई पुलिस अभी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.