उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला स्थित हैलेट अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही की वजह से चर्चा में आ गया है। यहां भीषण गर्मी और उमस के बीच हैलट आईसीयू में एसी सिस्टम फेल होने से पांच मरीजों की मौत हो गई। आईसीयू में चार बच्चों समेत 11 मरीज भर्ती हैं। एसी सिस्टम फेल होने से वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों ने भी काम करना बंद कर दिया है। घटना से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आईसीयू प्रभारी डॉ. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि बीते 24 घंटे में पांच मरीजों की मौत तो हुई है, मगर एसी प्लांट फेल होने से नहीं। तीन मरीजों की मौत हार्ट अटैक से जबकि दो मरीज काफी गंभीर थे। उन्हें देर रात न्यूरोसर्जरी आईसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही थी।
जानकारी के मुताबिक, हैलट आईसीयू का एसी प्लांट बुधवार रात 12 बजे ठप हो गया था। मेंटीनेंस का ठेका खत्म होने से मरम्मत भी नहीं हो पाई। एेसे में चारो तरफ से बंद आईसीयू वार्ड में मरीज तड़प उठे। जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के बाद मरम्मत करने के लिए इंजीनियर आए तब पता चला कि एसी प्लांट की मोटरें फुंकने से कूलिंग फेल हो गई। एेसे में अंदर हवा का कोई इंतजाम न होने से लगे कंप्यूटर अौर वेंटिलेटरों ने भी काम करना बंद कर दिया।
इसके बाद बीते 24 घंटे में एक-एक करके पांच मरीजों की जान चली गई। मरने वालों में नरवल की इंन्द्रपाल, बुद्दीखेड़ा उन्नाव के गया प्रसाद यादव, हरदोई के रसूल बख्श, आजमगढ़ के मुरारी शामिल हैं। वहीं एक अन्य मरीज को हार्ट अटैक की शिकायत पर भर्ती किया गया था अौर दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इस संबंध में एडीएम सिटी सतीश पाल का कहना है कि जैसे ही ये मामला डीएम के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल दो एसी की व्यवस्था कराई।
इस संबंध में डाक्टरों से बात भी की गई। जहां तक मौतों की वजह का मामला है, चिकित्सकों ने यही बताया है कि एक मौत सुबह हुई थी और एक शाम को। दोनों ही मरीजों की उम्र 75 के ऊपर है। उनकी धड़कनें दो बार पहले भी रुक चुकी थीं। डाक्टरों ने ये बताया है कि मरीजों की मौत शॉक और सेप्टीसीमिया से हुई। प्रथम दृष्टया कोई और वजह सामने नहीं आई है लेकिन ऐसा कुछ नजर आता है तो पूरे प्रकरण की विधिवत जांच कराई जाएगी। बता दें कि हैलेट अस्पताल में डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी यहां अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लग चुके हैं।