परिवहन विभाग की ओर से पिंक ऑटो चलने के बाद अब महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध की घटनाओं से चिंतित रोडवेज ने महिलाओं के लिए 50 नयी पिंक बसें चलाने की तैयारी की है। आने वाले दिनों में महिलाओं के रोडवेज बस से यात्रा करने पर उन्हें सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। रोडवेज बसों को अत्याधुनिक मशीनरी से लैस किया जाएगा। बसों में सीसीटीवी कैमरों के साथ ही जीपीएस, पैनिक बटन लगा होगा। नई पिंक बसों की खरीदारी से लेकर बसों में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित उपकरण लगाने पर रोडवेज कुल 83 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
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महिलाओं को करेंगे जागरूक
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए आदिशक्ति ग्रुप बनाया जाएगा।
- महिला यात्री की सुरक्षा की आवश्यकता के मुताबिक आदिशक्ति ग्रुप उन्हें सुरक्षित करेगी।
- इस ग्रुप में 400 महिलाएं शामिल होंगी।
- जिनमें रोडवेज में तैनात 300 महिला कंडक्टर व 100 महिला अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगी।
- ये सभी इन 50 पिंक बसों की पल-पल मॉनिटरिंग करेंगी।
- बस स्टेशनों पर आदिशक्ति ग्रुप के लिए लेडिज वेटिंग रूम भी बनाया जाएगा।
- माई सेफ बस के नाम से सूचना विभाग को इसके प्रचार-प्रसार की जिमेदारी सौंपी जाएगी।
- सूचना विभाग के माध्यम से कैपेन चलाया जाएगा जिसमें महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
- माई सेफ बस कैपेन के पांच साल के प्रचार-प्रसार के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है।
- 22.5 करोड़ रुपये खर्च कर यह बसें खरीदी जाएंगी।
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- एक बस की कीमत 45 लाख रुपये होगी। इन बसों में सिर्फ महिलाएं ही सफर करेंगी।
- 50बसों में से 20 बसें क्षेत्रीय मुख्यालयों से लखनऊ के लिए चलेंगी।
- वहीं 30 बसें क्षेत्रीय मुख्यालयों से दिल्ली के लिए संचालित की जाएंगी।
- निर्भया फंड के तहत उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम की सभी 12,500 बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
- एक बस में तीन कैमरे लगे होंगे, जिनमें एक बस के मेन गेट पर, एक आगे व एक पिछले होगा।
- इन कैमरों से सभी यात्रियों पर तो नजर रखी ही जाएगी, किसी तरह की अन्य गतिविधि की भी रिकॉर्डिंग रहेगी।
- एक बस में 10 पैनिक बटन लगे होंगे। किसी भी तरह के खतरे पर महिला यात्री पैनिक बटन का इस्तेमाल करेगी।
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