नगर निगम में पेंशन व वेतन के लाले पड़े हैं तो दूसरी तक प्रचार एजेंसियां (publicity agencies) नगर निगम का 52 करोड़ रुपये दबाए बैठी है। प्रचार शुल्क का यह बकाया कई सालों का है, लेकिन इससे परदा तब उठा है, जब लेखा-जोखा कंप्यूटर पर दर्ज किया जाने लगा है।
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अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल
- इसमें नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
- प्रचार अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कई प्रचार एजेंसियों ने लंबे समय से भुगतान नहीं किया है और अभिलेखों को कम्प्यूटर पर चढ़ाए जाने से 52 करोड़ रुपये बकाए की रकम सामने आई है।
- इन एजेंसियों को नोटिस दी जाएगी।
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- पहले भी पकड़ा गया था मामला कंप्यूटर पर जब होर्डिंग का ब्योरा चढ़ने लगा था।
- तब भी यह गड़बड़ी सामने आने लगी थी।
- दरअसल, शहर में लगी होर्डिंगों के मूल दस्तावेज नहीं मिल रहे थे और तमाम होर्डिंग का नवीनीकरण तक नहीं किया गया था।
- जबकि अधिकांश (publicity agencies) का पैसा तक नहीं जमा हो रहा है।
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