यूपी के हाथरस जिला में शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आकर 53 बकरियों की मौत हो गई। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के बाद इसकी खबर इलाके में आग की तरह फैल गई। लोग मरी बकरियों के बचाने के प्रयास में भागने लगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची जीआरपी ने आनन-फानन में कई बकरियों को पास के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, हाथरस जिला के कोतवाली क्षेत्र में सासनी रेलवे स्टेशन स्थित है। बताया जा रहा है कि एक चरवाहा बकरियों के झुंड को लेकर चलाने के लिए जा रहा था। तभी अचानक उधर से 2004 शताब्दी एक्सप्रेस आ गई। शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार तेज होने की वजह से बकरियों का झुंड ट्रेन की चपेट में आ गया और इस दौरान 53 बकरियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची जीआरपी की टीम ने कुछ जिंदा बकरियों को निकट के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इतनी बकरियों की मौत के बाद उनके मालिकों का रो-रो कर बुरा हाल है। बकरियों का कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है। फिलहाल इस घटना के बाद लोग काफी दहशत में हैं।
जल्दबाजी में दांव पर लगा रहे जिंदगी
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन का प्रचार प्रसार हवा-हवाई साबित हो रहा है। हालात यह हो गई है कि जल्दबाजी में आम जनमानस रेलवे ट्रैक पार करने में अनहोनी का शिकार हो रहे हैं। उन हादसों से उनका पूरा परिवार तबाह हो जाता है फिर भी यात्री जिंदगी के प्रति सचेत नहीं हो रहे हैं। रेलवे फाटक खुले रहने पर ही पार करें ट्रैक, रेलवे क्रासिंग पार करते समय दाएं-बाएं अवश्य देखें, रेंगती ट्रेन में यात्री न चढ़ें और न ही हड़बड़ाहट में उतरे, फुटओवर ब्रिज ‘पुल’ से इस पार से उस पार जाएं, ट्रेन में सफर करते समय गेट के पास न खड़े हों, मोबाइल में बात करते करते क्रासिंग कतई न पार करें।