लखनऊ के कान्हा उपवन (kanha upvan) में गोवंशों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है.पिछले 6 महीने के आंकड़े पर अगर नज़र डालें तो कान्हा उपवन में 500 से ज्यादा गोवंश मवेशियों की मौत हो चुकी है. जीवाश्रय समिति ने माना है कि 10 अक्टूबर तक कान्हा उपवन में 554 गोवंशों की मौत हो चुकी है.
जाँच के आदेश दिए गए:
- इसके बाद नगर आयुक्त उदयराज सिंह के इस मामले की रिपोर्ट तलब की है.
- आपको बता दें कि कान्हा उपवन प्रशासन बार-बार ये कहता रहा है कि उन्हें लंबे समय से अनुदान की राशि नहीं मिली है.
- इसके चलते पशुओं को चारा देना मुश्किल हो रहा है.
- वहीँ कान्हा उपवन में हुई मौतों के बाद अब योगी सरकार फिर आलोचनाओं के घेरे में है.
कान्हा ने अनुदान की मांग की थी:
- राजधानी के सरोजनीनगर इलाके में स्थित कान्हा उपवन में जानवरों के लिए संकट खड़ा हो गया है.
- बताया जा रहा है कि पिछले पांच महीने से अनुदान ना मिलने के कारण पशुओं के लिए भूसा भी नहीं खरीद पाया जा रहा है.
- पिछले दिनों भी ख़बरें थी कि कान्हा उपवन में पशुओं के खाने के लिए केवल पांच दिन का ही भूसा बचा है.
- पैसा ना मिलने से भूसा और चोकर उपलब्ध करवाने वाले व्यापारियों ने भी अब उधार में चारा देने से इनकार कर दिया था.
- इसके चलते और समस्या खड़ी हो गई.
- अब देखना यह होगा कि इन पशुओं के लिए चारा कैसे उपलब्ध होगा?
स्थानीय लोगों ने की मदद:
- जबकि स्थानीय लोगों की मदद के कारण ही मवेशियों को चारा उपलब्ध हो पा रहा था.
- हालाँकि कान्हा का करार बढ़ाये जाने को लेकर भी विवाद उठा था.
- कान्हा आये दिन चर्चा में रहता है और वहां पशुओं की देखरेख का समुचित इंतजाम न होना भी सवाल खड़े कर रहा है.
फ़ैजाबाद में भी मवेशियों की मौत:
- कान्हा के बाद अब फ़ैजाबाद में मवेशियों की मौतों का मामला भी सामने आया है.
- 15 दिनों में 28 गायों की मौत गौशाला में हुई है.