बहराइच के कर्तनियाघाट के गेरुआ नदी में नन्हें घड़ियालों ने दस्तक दे दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि निर्धारित समय से लगभग 10 दिन पूर्व ही ये घड़ियाल घोसले से बाहर आ गए हैं. सामान्य से अधिक तापमान होना इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है.
700 नन्हें घडियालों ने देखी दुनिया:
- गेरुआ नदी में घड़ियालों ने 16 घोसलें सहेजे थे जिसमें से 700 बच्चे निकले हैं.
- वन विभाग ने इन सभी को गेरुआ नदी में छोड़ दिया है.
- कर्तनियाघाट के संरक्षित वन क्षेत्र से होकर नेपाल की गेरुआ नदी बहती है.
- ये नदी इन घड़ियालों के कुनबों के लिए मददगार मानी जाती है.
- फरवरी-मार्च के महीने में टापू वाले इलाकों में अंडे देकर घड़ियाल बालू के घोंसले में सहेज देते हैं.
- अंडों से बच्चों के निकलने का समय लगभग 15 जून तक होता है.
- वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, एक घोंसले में 20 से 60 तक अंडे होते हैं.
- पिछले कई दिनों से तापमान अधिक रहा है.
1900 नन्हें घडियालों के बाहर आने का अनुमान:
- वन विभाग निर्धारित समय से पहले घोसलों से बच्चों के निकलने का अनुमान लगा रहा था.
- वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा नन्हें घडियालों को अंडे से बाहर निकलते देखा गया.
- इसके बाद इन्हें गेरुआ नदी में छोड़ दिया गया है.
- अधिकारियों के अनुसार, मादा घड़ियालों ने 27 स्थानों पर घोंसले बनाकर अंडे सहेज रखे हैं.
- ऐसे में इस बार कम से लगभग 1900 नन्हें घड़ियाल निकलने का अंदाजा है.
- अंडों से बच्चों के निकलने के लिए नदी क्षेत्र का तापमान 36 से 40 डिग्री होना चाहिए.
- ऐसा माना जा रहा है कि अगले 4-5 दिनों में शेष अंडों से भी घड़ियाल बाहर आ जायेंगे.
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