अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले पुलिस और सीआरपीएफ के जवानो को वीरता पुरस्कार से नवाजा गया। पहली बार आतंकी से सुरक्षाकर्मी बने लांस नायक नज़ीर अहमद वानी को अशोक चक्र प्रदान किया गया। पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के कुल 855 कर्मियों को पुलिस पदकों से सम्मानित किया गया।उत्तर प्रदेश पुलिस के 74 अधिकारियों/ कर्मचारियों को राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया गया। ये सम्मान सभी को गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले प्रदान किया गया है।
कश्मीर के शोपियां में बीते वर्ष नवंबर में आतंकवादरोधी अभियान के दौरान अपनी जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को अशोक चक्र प्रदान किया गया। 38 वर्षीय वानी कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। शुरू में आतंकी रहे वानी बाद में हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए थे। वह 2004 में सेना में शामिल हुए थे। वानी को आतंकवादियों से लड़ने में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए सेना पदक भी दिया गया।
वहीं शौर्य के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से तीन कर्मियों को सम्मानित किया गया है। शौर्य के लिए पुलिस पदक से 146 कर्मियों को नवाजा गया है। विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से 74 कर्मियों को और उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से 632 कर्मियों को सम्मानित किया गया है। शौर्य के लिए सभी तीनों राष्ट्रपति पुलिस पदक से सीआरपीएफ कर्मियों को सम्मानित किया गया है। शौर्य के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किए गए 146 कर्मियों में से 41 सीआरपीएफ के हैं।
इसी तरह इनमें ओडिशा पुलिस के 26, जम्मू-कश्मीर पुलिस के 25, छत्तीसगढ़ पुलिस के 14, मेघालय के 13, उत्तर प्रदेश के 10, बीएसएफ के 08, दिल्ली के 04, झारखंड के 03 और असम राइफल्स एवं आईटीबीपी के 1-1 कर्मी हैं। साथ ही लोगों की जान बचाने का सराहनीय कार्य करने के लिए 48 लोगों को जीवन रक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें से आठ लोगों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जा रहा है- सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक। सभी क्षेत्रों के लोग इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। राष्ट्रपति ने 48 लोगों को जीवन रक्षा पदक प्रदान किए जाने को मंजूरी दी है। सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक आठ लोगों को, उत्तम जीवन रक्षा पदक 15 लोगों और जीवन रक्षा पदक 25 लोगों को प्रदान किया गया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीआरपीएफ को सबसे ज्यादा पुरस्कार[/penci_blockquote]
देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल- सीआरपीएफ को बहादुरी के लिए सबसे ज्यादा 44 पुरस्कार मिले। उसके बाद ओडिशा पुलिस को 26 पदक, जम्मू-कश्मीर पुलिस को 25 एवं छत्तीसगढ़ पुलिस को 14 पदकों से सम्मानित किया गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवानों को मरणोपरांत शीर्ष सम्मान- राष्ट्रपति के पुलिस पदक (पीपीएमजी) से पुरस्कृत किया गया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]झारखंड के तीन जवान को वीरता पदक[/penci_blockquote]
वीरता पदक के अन्य विजेताओं में मेघालय पुलिस के 13, उत्तर प्रदेश पुलिस के 10, सीमा सुरक्षा बल के आठ, दिल्ली पुलिस के चार, झारखंड पुलिस के तीन और असम राइफल्स एवं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक-एक कर्मी शामिल थे। गृह मंत्रालय के एक आदेश में बताया गया कि विभिन्न राज्यों की पुलिस, केंद्रीय पुलिस बलों एवं संगठनों के महिला एवं पुरुष कर्मियों को कुल 146 पुलिस वीरता पदकों, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के 74 पुलिस पदकों और सराहनीय सेवा के लिए 632 पुलिस पदकों से सम्मानित किया गया।
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