कहते है कि दिल में किसी के लिए कुछ करने का जज्बा हो तो हौसलों की उड़ान के लिये पंखो की जरुरत नहीं होती। मेहनत लगन और हौसलों के दम पर कुछ ऐसा किया जा सकता है जो इतिहास बन जाय। जी हां कानपुर में 9वीं क्लास के बच्चों ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। बच्चों ने दिव्यांगजनों के लिये एक ऑटोमैटिक व्हील चेयर का मॉडल बनाया है जो कि वाइस कमांड के जरिये काम करती है। आईआईटी टेककृति में जब बच्चों ने अपने मॉडल का डेमो दिया तो उनकी परफॉर्मेंस देखकर इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों को अचंभित कर दिया। आईआईटी की तरफ से बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए उन्हें सर्टिफिकेट दिए गये।
अगलगी में हुई दिव्यांग की मौत से मिली प्रेरणा
आईआईटी कानपुर में इस समय टेककृति का कार्यक्रम चल रहा है जिसमें आईआईटी छात्र अपने द्वारा बनाये गये सामानों का डेमो दे रहे है। लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रही दिव्यांगजनों के लिये बनाई गयी इलेक्ट्रिक व्हील चेयर का मॉडल। इस व्हील चेयर को एक प्राइवेट स्कूल के क्लास 9 के आठ छात्रों ने दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद बनाने में सफलता हासिल की है। इस प्रोजेक्ट को बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले साहिल ने बताया कि एक घटना हुयी थी जिसमें एक दिव्यांग आदमी के घर में आग लग गयी थी जिससे वह बाहर नहीं निकल सका और उसकी मौत हो गयी थी। उसी घटना को देखकर इसको बनाया गया है।
साहिल का कहना है कि यह व्हील चेयर वॉइस कमांड के जरिये काम करता है। जैसे बोला जायेगा यह वैसे वर्क करेगी। क्लास 9 के बच्चों की टीम इस पर अभी और काम कर रही है। जल्दी ही इसको ऐसा बनाया जायेगा जिससे यह इशारों पर काम करेगी। यह बच्चे दिव्यांगजनों के इस मॉडल व्हील चेयर को ऐसा बनाने जा रहे है जिससे वह सीढ़ियों पर भी चल सकेगी।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने किया सम्मानित
इन स्कूली बच्चो ने आईआईटी में 135 इंजीनियरिंग कॉलेजों के टीम को पीछे छोड़कर फर्स्ट राउंड क्लियर किया और दूसरे राउंड में बची 52 टीमों में वे 7 स्थान पर रहें। बच्चों की परफॉर्मेंस देखकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने बच्चों को सर्टिफिकेट देकर उनका उत्साहवर्धन किया। इस व्हील चेयर की प्रोग्रामिंग करने वाले छात्र गगन ने बताया कि इसको ऐसा प्रोग्राम किया गया है जिससे केवल बोलने से ही यह काम करने लगेगी। इस व्हील चेयर में ब्लू टूथ भी लगाया गया है जिससे इसको मोबाइल एप्प से जोड़ा जा सकता है। यह व्हील चेयर दिव्यांगजनों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि जिसके हाथ नहीं है अगर वो किसी सामान को उठाने के लिए कहेगा तो यह आवाज सुनकर उसको उठा देगा।