हापुड़ : एक ऐसा शख्स जिसने 580 शहीद जवानों के नाम कर दिया अपना शरीर
हापुड़। आपने अभी तक खुद के नाम जीवन साथी के नाम या किसी सेलिब्रिटी के नाम लिखे देखें होंगे और टैटू आज के युवाओं के लिए फैशन भी है, लेकिन आज हम आपको ऐसे शख्स को दिखाने वाले है, जो देश एक के लिए हुए बलिदानी शहीदों को सलाम करने के लिए एक युवा ने ये ठानी की उन शहीदों को याद करने के लिए कुछ ऐसा किया जाए जो सबसे अलग हो।
- उनकी याद हमेशा दिल के करीब रहे।
- युवक ने ऐसा ही कुछ कर डाला जिससे उस युवक को हर जगह सम्मान मिल रहा है।
- लोगो को उस युवा को देखकर गर्व हो रहा है।
- उस युवक को देखकर आज आपको भी गर्व होगा कि देश के लिए हुए शहीदों जवानों को याद रखने के लिए अपना शरीर ही उनके नाम कर दिया है, चित्र भी बनवाये है।
देशवासियों को अभिषेक गौतम पर है गर्व
- देश के कई चेहरों के टैटू भी बनवाये है।
- आप तस्वीरों में भी देख सकते है कि अभिषेक के शरीर पर ये नाम शहीदों के लिखे हुए है।
- नाम के साथ ही देश के कई चेहरों के टैटू और शहीद स्मारक के साथ इंडिया गेट का चित्र भी है।
- बताया ये भी जाता है कि उनको डॉक्टरो ने ऐसा ना करने की सलाह दी थी।
- क्योकि डॉक्टर उन्हें ऐसा करने पर हानिकारक बता रहे थे।
- लेकिन अभिषेक ने बिना परवाह किये अपना शरीर वीर सपूतों के नाम कर दिया।
हमारे अच्छे आइडियल है हमारी फौज, हमारी सेना
- मेने ऐसा सोचा की जनता के समक्ष में मैसेज जाए।
- हम अपने आइडियल को कैसे फॉलो कर सकते हैं।
- कैसे प्यार कर सकते है, और आज के टाइम में लोगो को सबसे अच्छा लगता है।
- अगर किसी को प्यार करते हैं तो उनके टैटू बनवाते हैं।
- तो मैंने उसी प्यार को दर्शाने के लिए लोगो में संदेश पहुंचाने के लिए ऐसा किया है।
जवान हमारी व हमारे देश की सुरक्षा करते हैं उनके लिए कुछ तो बलिदान करना हमारा भी है दायित्व
युवा समझे की जवान हमारी व हमारे देश की सुरक्षा करते हैं हमारे देश के लिए जान तक दे देते हैं तो हमें भी उनके प्रति कुछ करना चाहिए इन सब चीजों को महसूस करते हुए मैंने अपने शरीर पर टैटू बनवाए है, उनका कहना है कि मेरे शरीर पर करीब 580 शहीद जवानों के नाम लिखे हुए हैं
- फिलहाल में ही 15 नाम अभी लिखवाए गए हैं।
- जिनके परिवार से मैं अभी मिल भी चुका हूं, उन्होंने अपने शरीर पर 28 जुलाई 2018 को शहीदों के नाम लिखवाए थे।
- करीब 12 दिन लगे थे शहीदों के नाम लिखने में।
- साथ ही 11 चेहरों के चित्र हैं इंडिया गेट और शहीद स्मारक के चित्र भी बने हैं।
- और वो चेहरे जिनसे मैंने कुछ सीखा है, चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह झांसी की रानी लक्ष्मी बाई शिवाजी महाराणा प्रताप गोविंद सिंह महात्मा गांधी अब्दुल कलाम सुभाष चंद्र बोस विवेकानंद जैसे चेहरों के चित्र बनवाए हुए हैं
जवान कभी किसी को अपना दुःख जताता या दर्शाता नहीं: अभिषेक
उनका यह कहना है कि जो लोग हमारे लिए आज तक बलिदान देते आए हैं अभी भी वह तत्पर हैं बिना किसी परवाह किए और जब जवान अपने घर से जाता है। तो वह घर की इच्छाएं उनकी जिम्मेदारियों को लेकर जाता है और वह महसूस भी करता है। उन चीज़ों को वहां रहते हुए लेकिन वह किसी को जताता नहीं दर्शाता नहीं है। लेकिन वह इन सब चीजों को भूलते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करता है।
- तो हम उनको इज्जत देते हुए ऐसा कर सकते हैं कि जब वह छुट्टियों पर अपने घर आए।
- हम उनसे मिलने जाए जैसे किसी सेलिब्रिटी से मिलने जा रहे हैं।
- अगर कोई सेलिब्रिटी आता है तो लोगो की लाखों की भीड़ दूर से फोटो लेने लगती है।
- चाहे भले ही सेलिब्रिटी दूर से फोटो में छोटा नजर आये हम उस फ़ोटो को लेने के लिए पूरी कोशिश करते हैं।
- तो मेरा यही मानना है कि सही मायनों में अगर कोई सेलिब्रिटी है।
जो सही तरीके से हमें जीना सिखा रहे हैं वह हमारे फौजी हैं।
- अभिषेक ने बताया कि जब वह कक्षा दो में थे उन्हें एक कवि सम्मेलन में कविता पढ़ने का मौका मिला था।
- जब उन्होंने उस कविता को पढ़ा और 4 लाइन को पढ़कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया।
- उनके बचपन के दोस्त तुषार जैन का कहना है कि मुझे बहुत गर्व होता है कि मेरा दोस्त ऐसा कर रहा है मेरे लिए नही हमारे देश के लिए गर्व की बात है ।
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