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जेल से रिहा होने के बाद आया आप विधायक सोमनाथ भारती का यूपी के अस्पतालों में पैदा होते हैं कुत्ते के बच्चे बयान पर सफाई

जेल से रिहा होने के बाद आया आप विधायक सोमनाथ भारती का यूपी के अस्पतालों में पैदा होते हैं कुत्ते के बच्चे बयान पर सफाई

जेल से रिहा होने के बाद आया आप विधायक सोमनाथ भारती का पहला बयान, उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के विधानसभा में प्राइमरी हेल्थ सेंटर के पहले कमरे में एक कुत्ते के आठ बच्चे वहां पर थे

 

सुलतानपुर

पूर्व कानून मंत्री एवं वर्तमान में दिल्ली की मालवीय नगर सीट से आप विधायक मंगलवार 9वें दिन सुलतानपुर की अमहट जेल से रिहा हुए। उनकी रिहाई पर समर्थकों में काफी खुशी दिखाई पड़ी, समर्थकों ने अमहट जेल से बाहर उनका स्वागत किया और जमकर नारेबाजी की। इसी क्रम में विधायक सोमनाथ भारती ने मीडिया से वार्ता किया। उन्होंने 9 जनवरी को अमेठी में दिए गए बयान “यूपी के अस्पतालों में पैदा होते हैं कुत्ते के बच्चे” पर सफाई पेश किया।
विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि, जो मैंने अमेठी में बयान दिया, सिद्धार्थ नाथ सिंह जो उत्तर प्रदेश के मंत्री हैं उनके विधानसभा में प्राइमरी हेल्थ सेंटर है जो बना था जनता की सेवा के लिए। लेकिन जब वहां जाया गया तो वहां पहले कमरे में ही एक कुत्ते के आठ बच्चे वहां पर थे। वो वीडियो मैंने जारी किया है।

 

मैं बदहाली और नाकामी की तरफ इशारा कर रहा हूं, उसको तूल देना ये भाजपा की नाकामी

उन्होंने आगे कहा कि उस बदहाली की तरफ मैंने इशारा किया कि, जो मेडिकल सुविधाएं जनता को उपलब्ध करानी चाहिए थी योगी सरकार को वो उपलब्ध नही करा पा रही है। जिस अस्पताल में सुचारू रुप से काम चलना चाहिए था, इंसानों के बच्चे आना चाहिए था वो वहां नही हो पा रहा है। अस्पताल इस बदहाली में है कि वहां पर ना डाक्टर है ना कोई है। वहां पर आज उस बिल्डिंग में कुत्ते के बच्चे पैदा हो रहे हैं। मैं बदहाली और नाकामी की तरफ इशारा कर रहा हूं। उसको तूल देना ये भाजपा की नाकामी है।

 

विधायक बोले जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट

सोमनाथ भारती ने सफाई देते हुए कहा कि, क्योंकि जब मैं निकल रहा हूं अपने कमरे से और वो (रायबरेली पुलिस) रोकना चाहते हैं और मैं पूछ रहा हूं कारण क्या है? सीआरपीसी में, आईपीसी में, कन्सिट्युशन आफ इंडिया में दिखाए कहां लिखा है कि, आप मुझे इस तरह से रोक सकते हैं। कोई आर्डर हो, कोई जज साहब का आर्डर हो, कोई बड़े अधिकारी का आर्डर हो, आपने 144 लगा रखा हो, मेरे ऊपर कोई मुकदमा हो बताईए। वो पूर्णतः मूक रहे और काफी देर तक मुझे गाड़ी के दरवाजे पर रोककर खड़े रहे और बोलते रहे आपको जाने नही देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी हो या दूसरे अधिकारी हों ड्यूटी है की संवैधानिक तरीके से ही वो मेरा मूवमेंट रोक सकते हैं। आपने मेरा मूवमेंट रोका और बाद में जो घटना बाहर आई कि एक व्यक्ति आता है, इतने पुलिस बल के बाद वो हिम्मत दिखा पाता है कि उसने मेरे ऊपर स्याही फेंका। स्याही फेकने के बाद मैंने उनको कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा। चूंकि आधा स्टेटमेंट दे रहे हैं। केवल ये कहा गया की मैंने कहा है जो आपकी नौकरी है वो जाएगी। जो आपने काम किया है गैर जिम्मेदाराना। उन्होंने अपने आपसे अपने को क्लीनचिट दी कहा, “मैंने कोई गलत बात नही कही, अगर आप मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन करेंगे इंलीगल रुप में तो हम भी उस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने की बात करेंगे।”

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