पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम जेहन में आते ही उनके अच्छे काम का ख्याल आता है। डॉ. कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डॉ. कलाम के निधन के बाद यूपीटीयू का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) कर दिया, लेकिन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय अपनी बदहाली की आंसू रोने को मजबूर है।
बदहाल है एकेटीयू
राजधानी लखनऊ स्थित एकेटीयू परिसर में जैसे ही आप दाखिल होंगे, आपको वहां की बदहाली हर तरफ नजर आएगी। चाहें वो कैंपस हो, हॉस्टल हो या फिर विश्वविद्यालय परिसर हो, हर तरफ गंदगी फैली हुई है। कैंपस में बने हर भवन के बाहर आपकों गंदगी देखने को मिल जाएगी। और तो और रजिस्ट्रार और वीसी के ऑफिस के आस-पास भी हर तरफ गंदगी का अंबार है। दीवारों पर पान की पीक हर तरफ नजर आएगी।
एक्टिविटी सेंटर का बुरा हाल
एक्टिविटी सेंटर का भी बुरा हाल है। एक्टिविटी सेंटर को देख कर ऐसा लगता है कि सालों से वहां साफ-साफाई नहीं हुई है। विश्वविद्यालय के बच्चे भी एक्टिविटी सेंटर सेंटर की गंदगी के चलते वहां जाने से बचते हैं।
सड़ रही हैं पुरानी गाड़ियां
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय कैंपस में पुरानी कारें खुले आसमान के नीचे सड़ने को मजबूर हैं। पुरानी कारों को देखने वाला तक कोई नहीं। नई दिखने वाली ये कारें खुले में धूल फांक रही हैं।
नदारद मिलें कर्मचारी
Uttarpradesh.org की टीम ने जब एकेटीयू के वीसी और रजिस्ट्रार ऑफिस का दौरा किया, तो पाया कि कई कर्मचारी अपने कार्यालय में मौजूद ही नहीं है। कई घंटों तक टीम उन अधिकारियों और कर्मचारियों का इंतजार करती रही, लेकिन कोई भी नहीं आया। एक महिला कर्मचारी तो आराम से अपने टेबल पर सिर रख कर हमारी टीम को सोती मिलीं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक मछुआरे के घर में जन्म लिया। अख़बार बेचकर पढ़ाई करने वाले कलाम देश के चोटी के वैज्ञानिक बने और फिर सबसे बड़े राष्ट्रपति पद को भी शोभायमान किया। वे करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे और एक तरफ डॉ. कलाम के नाम पर बना एकेटीयू अपनी बदहाली पर रोने को मजबूर है।