उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय सचिवालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगे हैं। अभिषेक गुप्ता नाम के शख्स ने सीएम और राज्यपाल को शिकायती ई-मेल भेजकर प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पेट्रोल पंप की जमीन देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में राज्यपाल ने सीएम योगी को 30 अप्रैल को पत्र भी लिखा और शिकायतकर्ता को परेशान करने और 25 लाख रुपये मांगने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस मामले में मीडिया में मामला गरम होने के बाद इंदिरानगर निवासी अभिषेक गुप्ता ने यूपी प्रेस क्लब में शुक्रवार को प्रेसवार्ता बुलाई। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज कोतवाली में विरोध दर्ज कराते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। सुबह भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। अभिषेक ने प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता कैंसिल कर अपने घर पर ही पत्रकारों को बुलाया, परंतु गाजीपुर थाना पुलिस ने प्रेसवार्ता से पहले ही अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस प्राइवेट गाड़ी में सादी वर्दी में गई और घर की डोरवेल बजाकर उन्हें बुलाया। वह जैसे ही बाहर आये वैसे ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पीड़ित शिकायतकर्ता का कहना है कि घूसकांड पर पुलिस ने उल्टा उनपर एफआईआर दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है। हालांकि पीड़ित का कहना है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेगा। फ़िलहाल पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
इस मामले में प्रधान सचिव सूचना अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रमुख सचिव गोयल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उधर, प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने एसएमएस और फोन करने के बावजूद आरोप के संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया। जब इस पूरे प्रकरण पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया, मगर उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। प्रधान सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने कहा कि आरोप गलत लगाए गए हैं। ऐसी कोई बात नहीं हो सकती है।
पीड़ित ने कहा कि न्याय नहीं हुआ तो आत्मदाह कर लेंगे
यह खबर राज्यपाल की ओर से भेजी गई सीएम की चिट्ठी पर आधारित है, uttarpradesh.org आरोपों की पुष्टि नहीं करता। शासन में प्रमुख सचिव गोयल की छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप है। आरोप है कि यह घूस की मांग अभिषेक गुप्ता के पेट्रोल पम्प के लिए जमीन देने को लेकर की गई थी। अभिषेक का आरोप है कि घूस नहीं देने पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने जमीन देने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। पीड़ित अभिषेक ने इसकी शिकायत राज्यपाल राम नाईक से की, जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर संबंधित प्रकरण पर कार्रवाई के लिए लिखा था। अभिषेक गुप्ता ने कहा कि अगर उनके साथ न्याय नहीं हुआ, तो वह आत्मदाह कर लेंगे।
जानकारी के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी अभिषेक गुप्ता का कहना है कि उनके नाम पर हरदोई में एक पेट्रोल पंप का आवंटन हुआ था, जिसको बनाने में कुछ जमीन कम पड़ रही थी। इसके लिए उन्होंने डीएम हरदोई से जमीन उपलब्ध कराने की मांग की थी। अभिषेक गुप्ता ने बताया कि हरदोई के उपजिलाधिकारी आशीष कुमार सिंह ने रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें यह कहा गया था कि अभिषेक गुप्ता की जमीन जिसका नम्बर 184 है और उसके सामने दूसरी जमीन जिसका नम्बर 187 है, जो ग्राम सभा की जमीन है। इस जमीन को अभिषेक खरीदना चाहते हैं। उनका पेट्रोल पंप पीछे की जमीन पर बन रहा है और कुछ जमीन कम पड़ रही थी। इसलिए वह आगे रास्ते की जमीन खरीदना चाहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस जमीन पर अभिषेक पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं। वह हरदोई-लखनऊ मुख्य मार्ग पर है, लेकिन उसकी चौड़ाई कम है, इसलिए रास्ते की सुरक्षित जमीन वह खरीदना चाहते हैं। रास्ते की सुरक्षित जमीन नक्शे पर त्रिभुज के रूप में है तथा रास्ते के रूप में प्रयोग भी नहीं होती है। ऐसे में पेट्रोल पम्प के लिए दी जा सकती है। पीड़ित अभिषेक ने कहा कि पेट्रोल पंप बनाने के लिए उसने एक करोड़ रुपये का लोन ले रखा है और पेट्रोल पंप के निर्माण कार्य में अभी तक करीब 25 लाख रुपये भी खर्च हो चुके हैं। अभिषेक ने आरोप लगाया कि प्रमुख सचिव द्वारा परेशान किया जा रहा है।