आईजी रेंज लखनऊ सुजीत कुमार पांडेय ने घटना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विशेषखंड गोमतीनगर स्थित एसआईपीएल (सिक्योरिटांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी से सीतापुर के संदना स्थित मिर्जापुर गांव निवासी कैश वैन का गनर इंद्रमोहन, ड्राइवर दुर्विजयगंज थाना नाका निवासी रामसेवक, कस्टोडियन मलिहाबाद के महमदपुर गांव निवासी उमेश चंद्र बीते सोमवार (30जुलाई) करीब पौने चार बजे राजभवन के बाहर कानून मंत्री बृजेश पाठक के घर के पास गाड़ी खड़ी की। कस्टोडियन एक्सिस बैंक में 44 लाख रुपये जमा करने गया था। इसी बीच सफेद रंग की टीवीएस स्पोर्ट्स बाइक खड़ी करके एक बदमाश कैश वैन के पास पहुंचा।
उसने ड्राइवर के बगल में बैठे गनर से पता पूछने के बहाने शीशा डाउन कराया और उसे दो गोली मार दी, जिससे गनर की मौके पर ही मौत हो गई। इसी बीच कस्टोडियन कैश वैन के पास पहुंचा। ड्राइवर चिल्लाया और 24 लाख रुपये से भरा बैग लेकर भागने लगा। बदमाश ने कैश वैन में पीछे की सीट पर रखे 6.44 लाख रुपये से भरा बैग उठाया और दौड़ाकर पहले कस्टोडियन फिर ड्राइवर को गोली मार दी। इस बीच ड्राइवर किसी तरह 24 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर बैंक में घुस गया। इस पर कस्टोडियन से बदमाश ने एक बैग छीन लिया। इसके बाद असलहा लहराते हुए बदमाश बाइक से अकेला ही भाग निकला था।
आईजी की पूछताछ में अभियुक्त ने ने बताया ये घटनाक्रम
आईजी रेंज ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त विनय उर्फ विनीत तिवारी ने बताया कि मेरे पिता सरोज कुमार स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। जिन्हें पेंशन मिलती है और मैं मानक नगर स्टेशन में नहरिया के पास मोमोज का ठेला लगाता हूं। घटना के बारे में पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि 30 अगस्त को लगभग 3:00 बजे के आसपास मैं एक्सिस बैंक हजरतगंज पहुंचा। वहां लूट की फिराक में था। तभी कैश वैन ड्राइवर वहां पहुंचा और उससे मेरी बात होने लगी। इसी बीच हल्की बारिश होने लगी। तब ड्राइवर ने कहा तुम्हें गाड़ी में बैठा लेता लेकिन उसमें कैश रखा है, इसलिए नहीं बैठ सकता आप कहीं और छांव ले लो। यह बात कहते हुए ड्राइवर ने सड़क के उस पार गाड़ी ले जाकर खड़ी कर ली।
आरोपी ने बताया कि इस बीच ड्राइवर पेशाब करने उतरा ही था तभी मैं आ गया। ड्राइवर के बैठने के बाद गनर साइड में अपनी बंदूक निकाल कर उसे हिदायत दे रहा था कि गनर से गोली चली। जैसा की अभियुक्त बता रहा है। इसके बाद मैंने तत्काल दो गोली गनर को मारी। तभी ड्राइवर दूसरी तरफ भाग गया और चिल्लाने लगा। इधर मैं पैसों से भरा बैग उठाकर भागने लगा। जैसे ही डिवाइडर पार पहुंचा था कि कस्टोडियन ने देख लिया और बैग पहचान कर घेरने लगा। तभी मैंने हाथ खाली कर लिए। दूसरा बैग फेंककर पिस्टल से फिर फायर किया। जिस पर कस्टोडियन पीछे हटा फिर उस तरफ जा मेरी बाइक खड़ी थी। वहां पहुंचते ही फिर फायर किया। फिर कस्टोडियन घेरने लगा इसी बीच मेरी पिस्टल गिर गई और मैंने तमंचे से फायर किया जो कस्टोडियन के पैर में लगी और सब पीछे हट गया।
अभियुक्त ने बताया फिर मैं श्रीराम टावर, वार्लिंग्टन चौराहा, केकेसी, स्टेशन के पीछे से आलमबाग से होते हुए मानक नगर होते हुए अपने घर चला गया। गाड़ी कमरे में खड़ी कर दी उसका नंबर प्लेट खोलकर तमंचा 315 व कैश बैग के पीछे छिपा दिया था। आरोपी ने बताया कि मीडिया में रोजाना फोटो प्रसारित होने से मुझे लगने लगा था कि पकड़ा जाऊंगा। इसलिए मैंने शनिवार की सुबह पत्नी और बहनोई के साथ भागने की योजना बनाते हुए जीजा की मोटरसाइकिल से रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने पर पत्नी का इंतजार किया। उसके बाद पत्नी के साथ तेलीबाग चौराहे पहुंचा और वहां से फिर वहां से बहन मंजू के गांव भोले का पुरवा पहुंचा। जहां मैं सुरक्षित हूं लेकिन यहां भी बच नहीं पाया।