रायबरेली – रामजानकी मंदिर के महंत की मौत के मामले में आरोपी की पुत्री ने की सीबीआई जांच की मांग.
- रामजानकी मंदिर के महंत की मौत का मामला,
- पूर्व मंत्री मनोज पांडेय व मौनी महाराज पर गम्भीर आरोप,
- डीएम कार्यालय पर आरोपी की पुत्री के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने की सीबीआई जांच की मांग।
- जिले के बहुचर्चित रामजानकी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मंदिर द्वार पर लटकते पाए गए बाबा प्रेमदास के शव के मामले पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं
- बड़ी संख्या में लोगों के आक्रोश को देखते हुए जहां पुलिस ने उस समय मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी
- वही बुधवार को मामले में आरोपी विद्यालय प्रबंधन के परिजनों के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की।
2 जनवरी को संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था बाबा का शव
- ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के पूरे बाबा गांव में 2 जनवरी की सुबह उस समय हड़कंप मच गया था
- जब मंदिर के महंत प्रेमदास का शौक मंदिर द्वार पर संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता हुआ मिला था
- आक्रोशित लोगों का आरोप था मंदिर की विवादित भूमि को हथियाने की दृष्टि से उसी गांव में स्थित है महाविद्यालय के प्रबंधक में बाबा की हत्या कर दी है
- मंदिर के उत्तराधिकारी योगी मौनी स्वामी की तहरीर पर पुलिस ने विद्यालय प्रबंधक वाले नामजद लोगों के खिलाफ मामला पंजीकृत कर जांच शुरू की और आरोपी प्रबंधक की पत्नी सहित छह अन्य आरोपियों को 2 दिन पूर्व जेल भेज दिया।
आरोपी की पुत्री ने की सीबीआई जांच की मांग
- मामले में उस समय नया मोड़ तब आ गया जब आज सुबह बड़ी संख्या में अधिवक्ता आरोपी विद्यालय प्रबंधक की पुत्री व आसपास के सैकड़ों ग्रामीण जिला अधिकारी के कार्यालय के बाहर पहुंचकर नारेबाजी करने लगे
- आरोपी प्रबंधक की पुत्री ने जिला पुलिस, क्षेत्रीय विधायक व सपा सरकार पर आरोप लगाया
- सपा सरकार मंत्री रहे मनोज पांडे के इशारे पर काम कर रही है और उनके पिता को फंसाना चाहती है
- जिले के अधिवक्ताओं ने भी मामले की निष्पक्ष विवेचना हेतु सीबीआई की जांच की मांग की
- अधिवक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन दबाव में कार्य कर रहा है और इसकी मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।
प्रशाषन की बड़ी चूक बनी हत्या की वजह
- योगी सरकार में लगातार संतो के ऊपर हो रहे हमले से जहां एक तरफ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं
- वहीं मामला इतना गंभीर था कि कहीं न कहीं जिला प्रशासन से चूक जरूर हुई है
- उसी विवादित भूमि को लेकर विद्यालय प्रबंधक व बाबा के बीच लंबे समय से मुकदमे बाजी चल रही थी
- आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी था और बेशकीमती जमीन को हथियाने का प्रयास भी किया जा रहा था
- फिलहाल जिला प्रशासन की नाकामयाबी से न सिर्फ एक संत की जान गई बल्कि मामला कितना गंभीर था कि आईजी व आयुक्त को मौके पर आना पड़ा और स्थिति संभालनी पड़ी थी।
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