लखनऊ : SHEROES HANGOUT की नयी ब्रांच जो इसी साल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा उद्घाटित की गई थी.वहां पर कार्यरत तेज़ाब पीड़ित कार्यकर्ताओं को पिछले तीन महीने से आमदनी नहीं मोहैया की गई है.
- Sheoes hangout की नीव रखने में राज्य सरकार की अहम भूमिका थी.
- मुख्य कारण इस प्रोजेक्ट में प्रस्तावित निधियों के तहत रकम अदायगी में देरी बताया जा रहा है.
- सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट में रकम प्रदान करने में देरी क्यों हो रही इसका जवाब सरकार ही दे सकती है.
- SHEROES HANGOUT के सह संस्थापक आलोक दीक्षित हैं.
- छाँव फाउंडेशन की निगरानी में इस संस्था की नीव पड़ी थी.
सोशल मीडिया पर फण्ड रेसिंग कैंपेन
- रानी,अंशु,फराह ,शांति,प्रीती इन पांच तेज़ाब पीड़ितों ने बतौर टीम इस संस्था की शुरुआत की थी.
- एक खौफनाक सच और कुछ कर दिखाने का सपना इन दोनों के बीच किस तरह से अपनी पहचान बनायीं है ?
- कुछ यही बयां करती है SHEROES HANGOUT जो एक परिवार की तरह कार्य कर रहा है.
- कैफे का रूप देकर घर चलाने की रोज़ी रोटी SHEROES HANGOUT से ही मिलती है.
- जब तीन महीने की तनख्वा नहीं मिली तो आम आदमी से अपील कर हैं ये लोग.
- जिसने भी इस कैफ़े में शिरकत की वो कुछ हसीं यादें और आँखें नम किये बिना नहीं लौटा.
- जीवन जीने की कला कुछ इसी तरह होती हैं.
जनता द्वारा दिया जाने वाला पैसा इनकी मासिक आय की प्रतिपूर्ति कैसे करेगा?
- इस घटना ने उत्तर प्रदेश सरकार को सीधे शब्दों में आईना दिखाया है.
- आत्म सम्मान से जीविका कमाने वाले ये लोग जो समाज से लड़ रहे हैं.
- आज उन्हें क्यों इस तरह से क्यों मजबूर किया जा रहा है.
- एसिड अटैक की मुहिम को सामाजिक नज़रिए में बदलने का श्रेय इन कार्यकर्ताओं को जाता है.
इस संधर्भ में मंत्री जूही सिंह जो जानी मानी समाज सेविका भी हैं जल्द कार्यवाही होने का वादा किया है.