उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी भगदड़ मामले को गम्भीरता से लेते हुए वाराणसी के अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) विंध्यवासिनी राज और सिटी मजिस्ट्रेट बीबी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को जय गुरुदेव के कार्यक्रम के लिए भारी भीड़ जुटी थी। जिसे संभालने में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा था जिसके चलते 25 लोगों की भगदड़ से मौत हो गयी थी।
- प्रशासन ने कल रात में ही मृतकों के शव को संबंधित जिलों में भिजवाने की व्यवस्था की थी।
- वहीं, परिजनों की इच्छा पर कई शवों की अंत्येष्टि बनारस में ही करायी गयी थी।
- अब प्रशासन ने इसका ठीकरा जूनियर अफसरों के सर फोड़ दिया है।
- जूनिय अफसरों पर कार्रवाई को लेकर पीपीएस और पीसीएस अफसरों में भारी आक्रोश है।
जूनियर अफसर बने बलि का बकराः
- प्रशासन इस मामले में बड़े अधिकारियों को बचाने का काम कर रहा है।
- इतनी बड़ी घटना के बाद भी अभी तक जिले के किसी बड़ें अफसर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
- अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिलें में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी होती है?
- 25 मौतों के बाद अब तक ना तो संबंधित डीएम, आईजी और डीआईजी पर कोई एक्शन लिया गया।
- ना ही इन पर कोई एक्शन होने की उम्मीद दिखाई दे रही है।
- शासन में बैठे बड़े अधिकारियों को बचाने के वाराणसी भगदड़ मामले में भेदभाव किया जा रहा है।
- गौरतलब है कि व्यवस्था में निर्णय करने का अधिकार जूनियर अफसरों के पास नहीं होता है।
- जूनियर अफसर तो डीएम-एसएसपी के निर्देशों पर ही काम करते हैं।
- तो फिर इस मामले में बड़े अधिकारियों की लापरवाही को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है, बरहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें