उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिला में एक बड़ी घटना उस वक्त घटित हो गई जब डीजीपी ओपी सिंह पुलिस अधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग कर रहे थे। इसी दौरान बेखौफ बाइक सवार बदमाशों ने कचेहरी जा रहे एक अधिवक्ता पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी। गोली लगने से अधिवक्ता की मौके पर ही मौत हो गई। गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाका गूंज उठा और डर के मारे लोग भाग खड़े हुए। मौके का फायदा उठाकर बदमाश भाग गए। वारदात की सूचना मिलते ही अधिकारियों के हाथपांव फूल गए। आनन-फानन में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और वकील राजेंद्र श्रीवास्तव का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वारदात के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस और पीएसी बल तैनात किया गया है। पुलिस और प्रशासन अधिकारी लगातार स्थिति पर निगरानी बनाये हुए हैं। घटना से अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है।
दिनदहाड़े हुयी इस वारदात से दहल गया पूरा इलाका
जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता राजेंद्र श्रीवास्तव गुरुवार सुबह कचेहरी जा रहे थे। वह अपने वाहन से मनमोहन पार्क के पास पहुंचे थे कि बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने उनपर गोली चला दी। ताबड़तोड़ फायरिंग से अधिवक्ता गोली लगने से खून से लथपथ होकर वहीं सड़क पर गिर गया। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा गया। लोग भाग खड़े हुए। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना देते हुए घायल अधिवक्ता को अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डाक्टरों ने राजेन्द्र को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में वकील कचहरी से घटना स्थल की तरफ भाग खड़े हुए। दिनदहाड़े हुयी इस वारदात से पूरा इलाका दहल गया। फिलहाल पुलिस अधिकारी आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर बदमाशों की तलाश में जुट गए हैं।
डीजीपी कर रहे थे क्राइम मीटिंग
गौरतलब है कि मंगलवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृहक्षेत्र इलाहाबाद में उनके और सीएम योगी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के बेहद करीबी भाजपा पार्षद पवन केसरी (45) की अज्ञात बदमाशों ने रात 10:15 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि मृतक बीजेपी पार्षद ने गोली लगने से सिर्फ एक घंटे पहले ही इलाहाबाद के एसएसपी से फोन पर बात की थी और मुलाकात के लिए उनसे वक्त मांगा था। इसके बाद डीजीपी शहर में क्राइम मीटिंग कर रहे थे। बताया जा रहा है जिस जगह घटना हुई वहां से डीजीपी करीब 200 दूर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। भले ही प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर करके अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन, वारदात से साफ हो गया कि अपराधियों में पुलिस का खौफ बिल्कुल नहीं है।