राजधानी के हजरतगंज थाना क्षेत्र स्थित कृषि भवन की बिल्डिंग में गुरुवार सुबह आह लग जाने से हड़कंप मच गया. धुंआ उठते देख कार्यालय पहुंचे कर्मचारी शोर मचाकर भागने लगे. आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे. करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझाया जा सका.
निदेशक आग लगने की बात से करते रहे इंकार:
- जबकि पूरे मामले में लीपापोती से भी अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं. निरीक्षण करने पहुंचे.
- सूर्य प्रताप साही निरीक्षण करने पहुंचे तो अधिकारियों ने उन्हें गुमराह करने का काम किया.
- निदेशक स्वराज सिंह ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि आग लगी ही नहीं.
- जबकि मंत्री ने जली हुई फाइलें भी देखी लेकिन निदेशक आग लगने की बात से इंकार करते रहे.
धुंआ देख मची अफरा-तफरी
- जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र के मदन मोहन मालवीय मार्ग पर कृषि भवन स्थित है.
- कृषि भवन के द्वितीय तल पर कमरा नंबर 119 सहित कार्यालय में गुरुवार को सुबह 8:44 बजे आग लगने की सूचना फायर कंट्रोल रूम को प्राप्त हुई.
- आग लगने की सूचना मिलते ही अफरा-तफरी मच गई.
- पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया आग शार्ट सर्किट के जरिये पंखे में लगना बताया जा रहा है.
- पुलिस का कहना है कि आग लगने से कमरे में रखी फाइलें और कीमती सामान जल गया.
- आग लगने से घोटाले की फाइलें जलना भी बताया जा रहा है.
- आग से कई जरूरी फाइलें जलकर स्वाहा हो गई हैं.
- वहीं ऑफिस खुलने से पहले ही लगी आग को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं.
- फिलहाल अफसर आग के कारणों की पड़ताल कर रहे हैं.
- हालांकि ये जांच का विषय है.
जांच टीम 7 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट:
- कृषि भवन में आग लगने के मामले में जेडीए राजेश गुप्ता के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई है.
- ये जांच कमेटी 7 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
- बता दें कि आग लगने से कमरा नंबर 119 में आग लगी.
- आग लगने से स्टेब्लिशमेंट और निजी कंपनी के भुगतान संबंधी फाइलें जलकर राख हो गईं.
- बताया जा रहा है कि ये आग नए निदेशक की तैनाती के बाद लगी है.
- इससे घोटाले और लेनदेन की फाइलें जलकर राख हो गईं.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें