राजनीति में अपने विवादित और भड़काऊ बयानों के लिए पहचान रखने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तिरंगा यात्रा पर सवाल उठाते हुए औवेसी ने कहा, पीएम मोदी जिस तिरंगा यात्रा की बात कर रहे हैं, उसी तिरंगे को वीर सावरकर ने देश का झंडा मानने से इंकार कर दिया था।
- शनिवार को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वो तिरंगा फहराएंगे और जन-गण-मन भी गाएंगे।
- इसके साथ ही औवेसी ने सलाह देते हुए कहा कि तिरंगे को लेकर बीजेपी को अपनी अंतरात्मा में झांकना चाहिए।
- ओवैसी ने ये भी कहा कि मुसलमानों के योगदान को किसी से कम नहीं आंका जा सकता।
- वो यहीं नहीं रुके, आगे कहा कि इस देश में आजादी के लिए संघर्ष शुरुआत मुसलमानों ने की, कांग्रेस या फिर दूसरे दल के किसी नेता ने नहीं।
- असदुद्दीन ने कहा इसके बावजूद मुसलमानों को इतिहास में जगह नहीं मिली क्योंकि इतिहास लिखने वाले मुसलमान नहीं थे।
- ओवैसी के मुताबिक आजादी के वक्त मुसलमानों ने हिंदुस्तान को चुना, लेकिन उन्हें शक की निगाह से देखा गया।
- उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारों के बहाने बीजेपी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर हमला बोला।
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श्यामा प्रसाद ने मदद के लिए जुटाए थे पैसेः
- एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि उन पर दहशतगर्द के साथ खड़े होने का आरोप लगता है।
- उन्होने आतंक के आरोप में पकड़े गए युवकों के कानूनी मदद की बात की थी।
- गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को कानूनी मदद देने के लिए मुखर्जी ने पैसे जुटाए थे।
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मुसलमान ने बनाया था तिरंगाः
- शनिवार को लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ने पीएम मोदी की तिरंगा यात्रा को लेकर विवादास्पद बयान दिया, जिस पर सियासत होना लगभग तय है.
- ओवैसी ने कहा कि जिस तिरंगे को लेकर पीएम मोदी यात्रा निकाल रहे हैं, उनके मंत्री गांव-गांव घूम रहे हैं।
- उसे एक मुसलमान ने बनाया था, जबकि सावरकर समेंत उनके कई नेताओं ने इसे नहीं माना था।
- ओवैसी ने अपनी बात को सही ठहराने के लिए एक वेबसाइट का हवाला दिया, जिसमें इस बात का जिक्र है।
पीएम मोदी की तिरंगा यात्रा को लेकर दिये गए औवेसी के इस विवादास्पद बयान पर सियासत होना तो तय माना जा रहा है। बहरहाल, ओवैसी ने लखनऊ में जमकर मुस्लिम कार्ड खेला और बताया कि सिर्फ एमआईएम ही उन्हें उनका असली हक दिला सकती है।