राम रहीम पर बलात्कार का आरोप साबित होने के बाद फर्जी बाबाओं को लेकर देशभर में रोष व्याप्त है. ढोंगी बाबाओं के चंगुल से बचने के लिए लोगों को सलाह दी जा रही है. वहीँ ऐसे बाबाओं को सबक सिखाने की बात भी कही जा रही है. राम रहीम को साध्वी के साथ बलात्कार के आरोप में सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 10 सितम्बर को इलाहाबाद में एक बैठक के बाद 14 फर्जी बाबाओं के नाम की लिस्ट जारी की थी, लेकिन अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक बार फिर से फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट (अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद लिस्ट) जारी की है. जिसमे नई लिस्ट में तीन बाबाओं के नाम शामिल हुए हैं.
अखाड़ा परिषद ने जारी की थी लिस्ट (अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद लिस्ट):
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक इलाहाबाद में हुई थी और इस बैठक में फर्जी संतों की सूची जारी की गई थी. जिसमे राम रहीम के बाद यूपी में कई फर्जी बाबाओं की एक लिस्ट जारी हुई थी. जिसमे आशाराम, गुरमीत सिंह, सुखविंदर फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल थे. आपको बता दें कि फर्जी बाबाओं की लिस्ट में आशाराम का नाम सबसे ऊपर है. वहीँ दूसरे नम्बर पर सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का नाम है और सचिदानंद गिरि का नाम भी फर्जी बाबाओं में शामिल है.
अब फर्जी बाबाओं की जारी हुई नई लिस्ट:
आज इलाहाबाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की इस बैठक में फर्जी बाबाओं को लेकर हुई चर्चा के दौरान कहा गया कि बगैर किसी परम्परा के साधु सन्तों को मान्यता नहीं दी जायेगी और इस दौरान तीन नए फर्जी बाबाओं (अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद लिस्ट) की दूसरी सूची भी जारी हुई. जिसमे देवेन्द्र देव दीक्षित, महिला संत त्रिकाल भवंता, सचिदानंद सरस्वती के नाम शामिल हुए.
बैठक में हुई इन मुद्दों पर चर्चा:
इस बैठक में कुम्भ की तैयारियों में तेजी लाने की संतों ने की मांग थी और इसके साथ प्रयाग राज मेला प्राधिकरण के ऊपर साधु सन्तों की निगरानी कमेटी गठित करने की भी मांग हुई. वहीँ कुम्भ के निर्णयों की सन्तों को दी जानी वाली जानकारी वाली बात को भी बैठक में रखा गया. बात दें कि निगरानी कमेटी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महामंत्री होंने की बात कही गई और सभी अखाड़ों से एक एक सदस्य, प्रयाग वाल सभा के अध्यक्ष, खाक चौक अध्यक्ष, आचार्य बाड़ा के अध्यक्ष होंगे सदस्य,
शंकराचार्य विवाद से किया किनारा:
आपको बता दें कि इस दौरान शंकराचार्य विवाद से अखाड़ा परिषद किनारा करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
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