एक तरफ जहां पूरा देश 68वें गणतंत्र दिवस के पर्व को लेकर जश्न मना रहा है। वहीं दूसरी तरफ हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने इसकी पूर्व संध्या पर मेरठ काला झंडा फहराया।
काला दिवस के रूप में मनाते हैं कार्यकर्ता
- कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस दिन राष्ट्रीय हिन्दू जाति का बहुत बड़ा नुकसान हुआ था।
- वह भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का विरोध करते हैं।
- इसलिए गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले वाले दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं और काला झंडा फहराते हैं।
- उन्होंने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन देते हुए मांग की कि वो भारत के संविधान को निरस्त करें और इसके धर्म निरपेक्ष रूप को खत्म करें।
- भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करें हिन्दू महासभा पिछले पचास वर्षों से इसी तरह इस काले दिवस के रूप में मना रही है।
- मेरठ में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने 26 जनवरी के मौके पर काला झंडा फहराते हुए एक और नए विवाद को जन्म दे दिया।
- इस दौरान पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
- लेकिन लोकतांत्रिक देश की हदो में कहीं न कहीं वह भी सिमट कर रह गए।
- वहीं संगठन के पदाधिकारियों ने बकायदा अधिकारियों के जरिये राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
- पूरा मामला मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र में शारदा रोड स्थित अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कार्यालय का है।
- गौरतलब है कि यही वह स्थान है जहां पहले नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित करने के लिए इसी संगठन ने बकायदा भूमि पूजन कर डाला था।