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विधानसभा चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाकर अपने संगठन को मजबूती दी है. वहीँ अब उत्तर प्रदेश में आने वाले निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तेजी से तैयारी में जुटी हुई हैं. ऐसे में निकाय चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav challenging) को इन बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा.
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अखिलेश के लिए चुनौतीपूर्ण निकाय चुनाव (akhilesh yadav challenging):
- बता दें, विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही समाजवादी पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है.
- इसीलिए यूपी के पूर्व CM व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav challenging) का पूरा फोकस अब निकाय चुनाव में है.
- जी हां विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा के लिए अपनी जमीनी हकीकत जानने का ये पहला मौका है.
- ऐसे में अभी 5 अक्टूबर को सपा का राष्ट्रीय सम्मेलन होने वाला है.
- इस सम्मेलन के होने के बाद समाजवादी पार्टी पूरी तरह से चुनावों पर फोकस करेगी.
- लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की अब निकाय चुनावों में कड़ी परीक्षा होगी.
- जी हां ये तो साफ़ है इस चुनाव में सपा को भाजपा से कड़ी चुनौती मिलने वाली है.
- बता दें कि इसमें अन्य दलों के बीच वोटों का बंटवारा रोकने की चुनौती भी सामने है.
- लेकिन अखिलेश के लिए सबसे बड़ी समस्या तो वार्ड स्तर पर टिकटों के बंटवारे को लेकर आने वाली है.
- जिसके लिए उन्हें काफी जूझना पड़ सकता है.
- इसके साथ जिन कार्यकर्ता को टिकट नहीं मिला वह उनके लिए बागी के रूप में भी उभर सकते हैं.
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