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अखिलेश यादव ने मायावती को दी जन्मदिन की बधाई

Akhilesh Yadav Congratulates Mayawati Birthday by Give Bouquet in Lucknow

Akhilesh Yadav Congratulates Mayawati Birthday by Give Bouquet in Lucknow

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के 63वें जन्मदिन पर उनके आवास पहुंचे। लाल टोपी लगाए अखिलेश यादव ने मायावती को गुलदस्ता देकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान अखिलेश यादव ने अंगवस्त्र (साल) भी मायावती को प्रदान की। अखिलेश यादव ने होटल ताज से केक मंगवाकर मायावती के आवास पर कटवाया। वहां मौजूद लोगों को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बर्थडे केक बांटा। अखिलेश और मायावती ने वहां मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। बता दें कि अभी हाल ही में हुए सपा-बसपा के यूपी में गठबंधन के बाद जन्मदिन को खास बनाने के लिए सपा और बसपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित दिखे। कानपुर में मायावती के जन्मदिवस पर 63 किलो का केक काटा गया। इससे पहले मायावती ने प्रेसवार्ता कर भाजपा पर जमकर हमला बोला।

मायावती ने कहा कि आज ही के दिन मेरी लिखी पुस्तक बहुजन मूवमेंट का सफरनामा का विमोचन होता है। इस वर्ष जन्मदिन ऐसे मौके पर है जब शीघ्र ही लोकसभा चुनाव है। पार्टी के सपा से गठबंधन पर भजपा की नींद उड़ी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री यूपी तय करता है। बसपा की समाजवादी पार्टी के लोगों से अपील है कि पुराने गिले शिकवे भुलाकर, विरोधी पार्टियों के हथकंडों से सचेत होकर गठबंधन उम्मीदवारों को जिताएं।

मायावती ने कहा कि किसान देश में सबसे ज़्यादा दुखी हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में भाजपा को लोगों ने सबक सिखाया दिया है। नतीजों से कांग्रेस भी सबक सीख ले। MP, छत्तीसगढ़, राजस्थान की नई सरकारों पर तत्काल उंगली उठने शुरू हुई है। किसानों का थोड़ा कर्ज माफ करने से राहत नहीं, पूरा कर्ज माफ होना चाहिए। किसान का कर्ज माफ होगा तभी उनका भला होगा। कांग्रेस सरकार में कर्जमाफी की सीमा केवल 9 महीने पहले की क्यों तय की गई ? जिन शर्तों के आधार पर केवल 2 लाख का कर्ज माफ करने की बात कही इससे कोई खास लाभ किसानों को नही मिलने वाला है।किसानों की कर्जमाफी के लिए केंद्र राज्य सरकारों को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू हो तो किसानों का भला होगा।

मायावती केंद्र व राज्य सरकारें गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार ने बिना तैयारी के GST, नोटबन्दी के फैसले ने परेशानी और बढ़ाई। देश के मुट्ठीभर लोगों का कर्ज उतारने में दिया जाता है फायदा। मायावती ने कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक जो भूमिहीन हैं, जो छोटे मोटे काम के लिए कर्ज लेते हैं, इनके कर्ज माफी के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये गए। GST नोटबन्दी से इनकी स्थिति और दयनीय हो गई है। इन सरकारों में इनके हित न सुरक्षित रहे हैं न आगे रहेंगे। रक्षा सौदों में केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों को भी विश्वास में लेकर एक दीर्घकालीन नीति तैयार करे। बसपा कभी धन्नासेठों की गुलाम नहीं बनी, रक्षा सौदों के लिए पारदर्शी नीति तैयार होनी चाहिए।

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