उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटों में वर्षा जनित हादसों में 14 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही पिछले एक सप्ताह में ऐसे हादसों में मरने वालों की संख्या लगभग 106 हो गई है। मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के सारे सरकारी दावों पर पानी फेरते हुए यमुना, गंगा, घाघरा और सरयू का जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बस्ती के करीब 40 गांव को बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। राज्य सरकार ने इसे देखते हुए प्रशासन को जनता की मदद करने को कह दिया है। बाढ़ के बढ़ते कहर को देखते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है।
अखिलेश यादव ने की अपील :
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों में भारी बारिश हो रही है और राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अखिलेश यादव ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा, ‘संकट के समय लोगों की मदद करने में समाजवादी पार्टी हमेशा आगे रही है।
बाढ़ में फंसे लोगों को शरण, कपड़े और भोजन उपलब्ध कराने में पार्टी की तरफ से कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। ‘राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा, ‘यह दुख की बात है कि भाजपा की सरकार ने कोई एहतियाती उपाय नहीं किए जिसके चलते कई गांव पानी में डूब गए।’उन्होंने कहा, ‘बाढ़ से फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। पिछले एक सप्ताह में भारी बारिश के चलते कई लोगों की जान जा चुकी है और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।’
कई लोगों की हुई है मौत :
स्थानीय आधिकारियों के मुताबिक, पिछले सप्ताह में राज्य में बारिश जनित दुर्घटनाओं में कम से कम 92 लोगों की मौत हो गई है जबकि 91 लोग घायल हुए हैं। सपा का कहना है कि प्रशासन की बेरुखी एवं लापरवाही के कारण राजधानी लखनऊ में कई जगहों पर जलभराव हो गया। सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘नालों की सफाई और उनकी मरम्मत में घोर लापरवाही बरती गई है। सीवर लाइनें बंद हो गई हैं जिसका खामियाजा जनता को बारिश में भुगतना पड़ रहा है।