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उत्तर प्रदेश में जब से चुनावों की घोषणा हुई है तभी से अखिलेश ने खुद को नरम रखा हुआ है. भले ही बीजेपी की तरफ से कितनी भी तीखी बयानबाज़ी की गयी हो परंतु अखलेश ने हमेशा से ही हल्के-फुल्के मज़ाक के तहत जवाब देना सही समझा है. बता दें कि यह अखिलेश की आदत नहीं बल्कि उनकी इस चुनाव के मद्देनज़र एक स्ट्रैटजी है, जिसमे ना केवल अखिलेश बल्कि कई और दिमाग भी काम कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में चल रहा है बयान बाज़ी का दौर :
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- यूपी के सात चरणों में होने वाले चुनावों में से 4 चरण के चुनाव शांतिमय तरीके से पूर्ण हो चुके हैं.
- जिसके बाद आगामी 27 फरवरी को यहाँ पांचवे चरण के चुनाव होने जा रहे हैं.
- परंतु इसी बीच चुनावी रैलियों में दोनों दिग्गज पार्टियों बीजेपी-सपा द्वारा एक दूसरे पर बयानबाजी का दौर चल रहा है.
- जहाँ एक ओर बीजेपी लगातार कड़े बोल बोलकर सपा की गलतियां गिनाने में लगी है.
- वहीँ अखिलेश हल्के मज़ाक के ज़रिये बीजेपी पर व्यंगात्मक तरीके से वार कर रहे हैं.
- दरअसल यह अखिलेश का स्वभाव नहीं है बल्कि, यह उनकी ‘चुनावी स्ट्रैटजी’ है.
- बता दें कि इस स्ट्रैटजी को बनाने में अखिलेश दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.
- साथ ही हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि देखने वालों को ऐसा लगे कि बीजेपी उनपर वार कर रही है और वे उनका व्यंगात्मक तरीके से केवल जवाब दे रहे हैं.
- जिसके बाद माना जा रहा है कि अखिलेश बीजेपी को उनका पॉलिटिकल अजेंडा तैयार करने का कोई मौक़ा नहीं दे रहे हैं.
- साथ ही अपने व्यंगों को साथ में लेकर चलते हुए वे अपने विकास के मुद्दे पर टिके हुए हैं.
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