2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा पार्टी नेताओं संग अखिलेश यादव बैठकें कर संगठन को मजबूत करने पर मंथन कर रहे हैं। इसी क्रम में उपचुनावों में जीत से एक्शन मोड में आये अखिलेश यादव 9 सितंबर को पार्टी नेताओं को ख़ास ट्रेनिंग देंगे जिसमें आने वाले नेताओं को पार्टी की तरफ से बयान देने एक संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए जायेंगे।
सपा नेताओं को मिलेगी ट्रेनिंग :
लखनऊ में सपा कार्यालय पर आयोजित इस ट्रेनिंग सत्र में पीपीटी प्रेजेंटेशन के जरिये नेताओं को ट्रेनिंग मिलेगी। इसमें सभी को यह बताया जाएगा कि किस विषय पर उन्हें ज्यादा बोलना है। इसी के साथ विशेषज्ञ नेताओं को बताएंगे कि कौन-कौन से विषय कब विवादित हुए जिससे पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा था। इसमें अखिलेश यादव की पार्टी के ‘राय साहब’ भी टिप्स देते नजर आएंगे। राय साहब समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार हैं जो नेताओं को चुनावी ट्रेनिंग देते हैं।
गठबंधन को लेकर बरत रहे सावधानी :
सपा के इस ट्रेनिंग सत्र के लिए तय हुआ है कि सपा-बसपा गठबंधन पर कोई नेता बयान नहीं देगा न ही कोई किसी चैनल के डिबेट में हिस्सा लेगा। एससी-एसटी एक्ट संशोधन पर कोई कुछ नहीं बोलेगा। हिंदू-मुसलमान के सवाल से पार्टी प्रवक्ता दूरी बनाये रहेंगे। सपा प्रवक्ता मीडिया में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बारे में हमेशा अच्छा बोलेंगे। बीजेपी की हर कड़ी को कमजोर करने में विपक्षी दल लगे हुए हैं। तीन तलाक मुद्दे पर भी समाजवादी पार्टी के नेताओं को कोई भी बयान देने से मना किया गया है। नेताओं को क्या बोलना है, इस बारे में बकायदा एक गाइडलाइन जारी की गयी है। मीटिंग में सभी अहम मुद्दे पर सिर्फ अखिलेश ही बोलेंगे।
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