फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में मदद के बदले सपा को अपना समर्थन राज्य सभा चुनावों में बसपा को देना था मगर समर्थन देने के बाद भी कुछ कारणों से बसपा प्रत्याशी हार गया था। इसके बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानपरिषद् के चुनाव में बसपा को रिटर्न गिफ्ट देने की तैयारी कर ली है। आगामी 5 मई को सपा के 7 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई बड़े नेता शामिल हैं। इस बीच अखिलेश यादव की विधान परिषद में वापसी को लेकर कई बड़ी ख़बरें सामने आ रही हैं।
13 में 10 सीटें जीतेगी भाजपा :
उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रचंड बहुमत के दम पर 13 में 10 सीटें भाजपा के हिस्से में आना तय माना जा रहा है। इनमें सरकार में शामिल अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा और ग्राम्य विकास राज्य मंत्री डा. महेन्द्र सिंह का नाम शामिल है। इनका कार्यालय 5 मई को खत्म हो रहा है। पहले तय हो चूका था कि मोहसिन 1 साल के लिए ही एमएलसी रहेंगे मगर अभी तक भाजपा नेतृत्व को मोहसिन रज़ा की जगह दूसरा बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं मिल सका है। ऐसे में मोहसिन रजा का फिर से एमएलसी बनना लगभग तय है। भाजपा का कहना है कि पार्टी इस प्रकार धोखेबाजी की संस्कृति में विश्वास नहीं करती है। इन सभी सीटों पर पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों और बड़े नेताओँ को लिया जाएगा।
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अखिलेश की वापसी पर सस्पेंस बरकरार :
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 5 मई को विधान परिषद से रिटायर हो रहे हैं। हालाँकि वे फिर से परिषद में जायेंगे कि नहीं, इस बारे में पार्टी ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। विधानपरिषद की 13 सीटें 5 मई को खाली हो जायेंगी। देखना होगा कि अखिलेश खुद का नाम आगे बढ़ाते हैं या नहीं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘बसपा और कांग्रेस के समर्थन से गठबंधन लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करेगा। इसके पहले वे कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। ऐसे में उनकी परिषद में वापसी मुश्किल लग रही है। सपा को मजबूत करने के लिए अखिलेश खुद भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहेंगे।