उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को भारी अंतर से जीत का स्वाद चखने को मिला है। सपा का सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव की सीटों पर जीतना अपने आप में सभी के लिए हैरान कर देने वाला है। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि गोरखपुर में समाजवादी पार्टी को जीत मिलेगी। दोनों दलों के बीच 1995 में गेस्ट हाउस कांड के बाद जो तल्खी आई थी, वह आज के नतीजों ने खत्म कर दी है। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई है। उपचुनाव चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया था। इसके बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ में बसपा सुप्रीमों मायावती के घर उनसे मिलने पहुंचे हैं।
जनता ने दिया भाजपा को जवाब :
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आज पार्टी कार्यालय पहुंचे हुए थे जहाँ पर उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। अखिलेश ने कहा कि विकास के नाम पर चाहे दिल्ली का और उत्तर प्रदेश का बजट हो, जनता को पूरी तरह से निराश किया गया है। जो भी वादे किए गए थे संकल्प पत्र के माध्यम से वह पूरा नहीं किया। इतनी वादा खिलाफी किसी राजनीतिक दल ने नहीं की जितनी भाजपा ने की है। दिल्ली की सरकार बड़े बड़े वादे किए गए थे और यूपी का संकल्प पत्र बना एक भी वादे पर भाजपा खरी नही उतरी है। 2017 में हम काम गिना रहे थे। BJP के लोग सुधरे नहीं, कह रहे थे कि हमारे कारनार्में बोल रहे हैं। जनता ने भाजपा को जवाब दिया है कि बीजेपी को भी विकास के रास्ते पर लौटना पड़ेगा।
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मायावती से मिलने पहुंचे अखिलेश :
समाजवादी पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती से मिलने उनके आवास पहुंचे। दोनों नेताओं की सार्वजनिक तौर पर ये पहली मुलाकात है। इसके अलावा पहली बार आज प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश ने मायावती की खुलकर तारीफ़ की। मायावती के घर अखिलेश यादव अपने समर्थकों और तमाम बड़े नेताओं संग पहुंचे हैं। इस मुलाकात में आगामी 2019 में गठबंधन को लेकर भी चर्चाएँ हो सकती हैं। फिलहाल गेस्ट हाउस काण्ड के बाद अब जाकर सपा और बसपा फिर से करीब आये हैं। देखना है कि ये गठबंधन 2019 में कितना कमाल कर पाता है।