समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन होने के बाद से ही भाजपा इस गठबंधन को तोड़ने की कोशिशें कर रही है। भाजपा को डर है कि जैसे फूलपुर और गोरखपुर के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हार मिली, कहीं वही हाल 2019 में भी न हो जाये। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की इन कोशिशों पर पलटवार करते हुए विधानपरिषद् में बसपा सुप्रीमों मायावती की तारीफ़ में कई बड़ी बातें कह डाली।
कुर्बानी को हैं तैयार :
विधानपरिषद में बोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-बसपा की दोस्ती को बनाये रखने के लिए वह हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उम्र और तजुर्बे में जो बड़ा होगा, हम उसका लाभ लेंगे। उसके लिए त्याग करेंगे। हम समाजवादियों का दिल बड़ा है। वह जो मांगेगा, हम दे देंगे। अखिलेश यादव का इशारा इसी माह होने वाले विधान परिषद चुनाव की ओर था। चर्चा के दौरान अखिलेश ने कहा कि सपा-बसपा के बीच झगड़ा कराने के लिए भाजपा ने गिनती पूरी होने से पहले तिकड़म से राज्यसभा चुनाव हरवा दिया, हमारे कई एमएलसी छीन लिए और अब गेस्ट हाउस प्रकरण को लेकर लगातार हमलावर है। सपा-बसपा गठबंधन को सांप-छछूंदर की दोस्ती बताना प्रदेश के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। बसपा प्रमुख को धन्यवाद देते हुए कहा कि गेस्ट हाउस कांड को लेकर भाजपा को उन्होंने सही जवाब दिया है।
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सीएम योगी पर उठाये सवाल :
सपा पर जातिवाद और परिवारवाद के आरोपों को नकारते हुए अखिलेश ने सवाल किया कि परिवारवाद नहीं था तो गोरखपुर में मठ के मुखिया योगी कैसे बन गए ? उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी तो भाजपा है। भाजपा ने जो फार्मूला तय किया, अब हम उसके खिलाफ उसी को इस्तेमाल करने जा रहे हैं। यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में हुए उपचुनाव में शराब बांटी गई थी। अपनी संपत्तियों की सीबीआइ जांच की मांग से जुड़ी खबरों की कटिंग दिखाते हुए अखिलेश ने नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा से कहा कि “ऐसा बीज क्यों बो रहे हैं? यह रास्ता ठीक नहीं है। हमें और आपको राजनीति करनी है। राजनीति में यह व्यवहार उचित नहीं है। अगले लोकसभा चुनाव में केंद्र में आपकी सरकार नहीं बनी तो देखिएगा क्या हाल होगा आपका।