एक ओर जहाँ पीएम मोदी स्वच्छता अभियान के नाम पर गाँवों और कस्बों में निःशुल्क शौचालय बनाए जाने की बात करते हैं। वहीँ दूसरी ओर एक जमीनी हकीकत ये भी है कि शौचालय बनवाने के लिए आर्थिक मदद मिलना इतना आसान नहीं है। मगर स्वच्छता को लेकर यदि किसी में जुनून हो तो वो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसा ही मिसाल उत्तर प्रदेश के लहरपुर-सीतापुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम गनेशपुर नेवादा निवासी जब्बर शाह ने पेश की है जिसके बार हर कोई उनका प्रशंसक बन जाएगा।
बकरियाँ बेच कर बनवाया शौचालय :
उत्तर प्रदेश के लहरपुर-सीतापुर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम गनेश पुर नेवादा निवासी जब्बार शाह मज़दूरी कर किसी दिन 100 तो किसी दिन 150 रुपए पाकर जैसे तैसे अपने परिवार का गुज़र बसर करते हैं। उनके पास रहने के लिए बस जमीन का छोटा सा टुकड़ा है। मगर जब्बार को उसके हालातों से कोई शिकायत नहीं। उसे सिर्फ इस बात का दर्द है कि उसके परिवार को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। आखिरकार उसने शौचालय बनवाने के हर चौखट पर गुहार लगाई मगर किसी जगह उसकी फरियाद न सुने जाने पर आखिर उसने अपने घर की आजीविका चलाने में मददगार 7 बकरियां बेचकर शौचालय बनवाने का निर्णय लिया। इसके बाद 15000 रुपयों में बकरियां बेच कर उसने शौचालय बनवाया।
सपा अध्यक्ष ने किया सराहनीय काम :
निर्धन जब्बार द्वारा बनवाये गए शौचालय की खबर जब सुर्खियां बनी तो इसकी जानकारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुई। अखिलेश ने स्वच्छता को लेकर ऐसा सराहनीय काम करने वाले गरीब जब्बार की आजीविका जो मात्र बकरियां थी, उन्हें सातों बकरियां पुनः खरीदकर जब्बार को सौंपने के लिए सीतापुर से विधान परिषद सदस्य आनंद भदौरिया को अपने प्रतिनिधि के रूप में ग्राम नेवादा भेजा। इन्ही बकरियो को जब्बार को सौंपने आंनद भदौरिया आज दोपहर जब्बार के घर पहुंचे।\
बकरियाँ पाकर जब्बार हुआ खुश :
अपनी एकमात्र आजीविका 7 बकरियों को पाकर जब्बार का परिवार खुशी से फूला नही समा रहा था। बकरियो को वापस पाने की सूचना जब क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों व बुद्धजीवियों को हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना की गई। इस मौके पर मौजूद एमएलसी आनंद भदौरिया ने कहा कि मौजूदा सरकार स्वच्छ भारत का अभियान पूरे देश में चला रही है किंतु इसका लाभ वास्तविक जरूरत मंदो को नही मिल रहा है।
शौचालय और प्रधानमंत्री आवास के नाम पर प्रशासननिक अधिकारी गरीबो के हको पर डाका डालकर बंदर बांट करने में लगे हुए है। गरीब दर दर भटक रहा है। सत्ता धारी लोग समाज को धर्म और जाति के नाम पर बांटने में लगे हुए है। केवल कोरे आश्वाशन से जनता को लुभाने के प्रयास भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कर रहा है। जबकि भौतिक धरातल पर सरकार की कोई भी जनकल्याणकारी योजना आमजनमानस के लिए लाभकारी नही साबित हो पा रही है।