समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों को सम्बोधित किया। अखिलेश ने भाजपा की वर्तमान योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि साधु संतों को हर महीने 20 हजार रुपये पेंशन मिलनी चाहिए। रामलीला करने वालों को भी पेंशन मिले। भगवान राम को भी पेंशन मिले और माता सीता को भी पेंशन मिलनी चाहिए। इसके बाद अगर कुछ बच जाए तो रावण को भी पेंशन मिले। उन्होंने कहा कि हमने यश भारती सम्मान दिया था और समाजवादी पेंशन दे रहे थे सरकार ने ये सब बंद कर दिया। अब इन्हें फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों ने देश के नौजवानों के साथ धोखा किया। किसानों के साथ धोखा किया। लोकतंत्र में इतना झूठ किसी ने नहीं बोला होगा जितना भाजपा के लोग बोलते हैं। उन्होंने कहा कि देश नए प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहा है। अखिलेश ने सवाल उठाए कि इतने एनआरआई आ रहे हैं लेकिन देश मे निवेश क्यों नहीं कर रहे हैं? इस बार कुंभ में स्नान करें तो शायद उनका मन बदल जाए।
अखिलेश ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ नाराजगी है। इसलिए जरूरी है कि बैलेट से चुनाव करवाया जाए। अगर हमें बैलेट पर ठप्पा लगाने का मौका मिला तो हमारा गुस्सा निकल जाएगा। वहीं, भाजपा विधायक साधना सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गई टिप्पणी पर अखिलेश ने कहा कि इन लोगों को अपनी हार तय दिख रही है। इसलिए उनकी भाषा में गिरावट देखी गई है। मायावती पर भाजपा विधायक की टिप्पणी उनकी हार से पहले की हताशा को दर्शाती है। अभी जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे भाजपा के लोगों की भाषा में और गिरावट देखी जाएगी।
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