बुलन्दशहर में बुलन्द इरादों के साथ अपने कर्तव्यों को पूरा करने वाली और देश भर में ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर डीएम चन्द्रंकला ने कुछ दिन पहले हुए नगर पंचायत और ग्राम पचायतं चुनाव के दौरान एक ऐसी लक्ष्मण रेखा खीची जिसे रावण रूपी कोई अराजकवादी संगठन भेद नही पाया। यह एक चमत्कार ही था कि इन चुनावों के दौरान पूरे प्रदेश में हिंसा की घटनाऐ सामने आयीं लेकिन बुलंदशहर इन सारी घटनाओं में शामिल नही रहा । यहां ना चुनाव के दौरान कोई हिंसात्मक घटना हुई और ना ही इन चुनावो के नतीजो ने इस जिले में असमाजिक ताकतों को पांव जमाने का मौका दिया।
अपने बेबाक फैसलों और जनता से सीधे कनेक्शन होने के कारण डीएम चन्द्रकला पूरे देश मे लोकप्रिय हो चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने अपने साथ जबरदस्ती सेल्फी लेने वाले एक युवक को जेल में डाल दिया जिसकी वजह से मीडिया और आलाकमान ने उनकी जमकर आलोचना की। नेताओं और उच्च अधिकारियों के बेहद दबाव के बावजूद उन्होंने उस युवक को जेल में डालने के अपने फैसले को सही बताया। डीएम चन्द्रकला जहाँ गयीं वहां लोगों के दिल में बस गयी, महिला सशक्तिकरण की चर्चा आज उनका नाम लिए अधूरी मानी जाएगी। देश के दस साहसी अधिकारियों की लिस्ट में उनका नाम आना कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है।
इन सब विवादों के बाद खबरें आ रही थी कि सरकार उनका ट्रांसफर कर सकती है। लेकिन इन सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए सरकार ने तय किया है कि उनको सम्मानित किया जाएगा।
डीएम बी चंद्रकला और तत्कालीन एएसपी पीयूष श्रीवास्तव ने यहां लॉ एंड आर्डर व्यवस्था को बखूबी संभाला और शांतिपूर्ण चुनाव कराया। इसी वजह से राज्य सरकार के मुखिया अखिलेश यादव उन्हें लखनऊ में होने वाले एक कार्यक्रम में सम्मा्नित करेंगे। बता दें कि ये सम्मान समारोह चुनाव आयोग की तरफ से आयोजित किया जा रहा है।