मध्य प्रदेश विधानसभा में 10 साल बाद समाजवादी पार्टी का कोई विधायक पहुंचा है। राज्य की छतरपुर जिले की बिजावर सीट पर सपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला को जीत मिली है। इसके पहले 2008 में मीरा दीपक यादव निवाड़ी से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। उसके बाद वर्ष 2013 में सपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। अखिलेश ने इस बार सपा को राज्य के चुनावों  में जीत दिलाने के लिए बहुत मेहनत की लेकिन वे तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का जादू दोहराने में असफल रहे।

मुलायम ने जितवाई थी 7 सीटें :.

सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी को यूपी के बाहर खड़ा करने के लिए जमकर मेहनत की थी। ये मुलायम सिंह यादव का ही जादू था कि सपा ने 2003 में मध्यप्रदेश में सात सीटे जीत कर सभी को चौका दिया था। इसके बाद से ही मुलायम सिंह यादव की देश भर में एक ख़ास पहचान बन गयी थी। उन्हें लोग वाकई में राजनीती का मंझा हुआ खिलाड़ी मानने लगे थे।

गठबंधन कर लड़ा था चुनाव :

2013 में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का खाता नहीं खुल पाया था। यही कारण है कि इस बार सपा ने प्रदेश में 52 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसके अलावा उसने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनावी समझौता भी किया था। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के दस जिलों में 21 सभाएं ली थीं। फिर भी उनकी इतनी मेहनत का कोई ख़ास असर होता हुआ नहीं दिखाई दिया।

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