आरएसएस के एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव को आमंत्रित किया गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आगामी 17 से 19 सितंबर तक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत लोगों से संवाद करते नजर आएंगे। इसके लिए राजनीतिक, धार्मिक, अल्पसंख्यक संगठनों के लोगों और पूर्व ब्यूरोक्रेट्स सहित लगभग 3000 लोगों को आमंत्रण भेजा गया है। आरएसएस के इस आमंत्रण पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला किया है।
कार्यक्रम में नहीं जायेंगे अखिलेश :
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिन कारणों से संघ पर प्रतिबंध लगाया, वे कारण आज भी मौजूद हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोमवार से दिल्ली में ‘भविष्य का भारत: आरएसएस का दृष्टिकोण’ विषय पर तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला आयोजित कर रहा है।
अपनी इस बैठक में संघ ने अखिलेश यादव ,मायावती, राहुल गांधी समेत कई नेताओं को आमंत्रित किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने केवल सरदार पटेल द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पढ़ा है और उस पेराग्राफ को पढ़कर मेरे पास बैठक में भाग लेने का साहस नहीं है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]संघ ने अखिलेश, मायावती, राहुल गांधी समेत कई नेताओं को आमंत्रित किया है[/penci_blockquote]
गठबंधन को लेकर दिए संकेत :
मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संकेत दिया कि 2019 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होगी। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ सपा के प्रस्तावित गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर वे बोले कि अब ऐसी साइकिलें हैं, जिसमें कई पहिये होते हैं, आज के समय में एक साथ एक ही साइकिल को कई लोग चला सकते हैं और मिलकर वहां पहुंच सकते हैं जहां उन्हें पहुंचना है। यह साइकिल मिलकर चलेगी। भाजपा उनकी और राहुल की दोस्ती से भयभीत है।
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